Kashi : गंगा प्राकट्य दिवस पर काशी का दिखा अनूठा रंग, घाटों पर हुई भव्य आरती, उमड़े लाखों भक्त, देखें तस्वीरें

आज देश में गंगा दशहरा की धूम है, बात गंगा प्राकट्य दिवस की हो और देश की आधयात्मिक राजधानी वाराणसी पीछे रहे ये तो हो ही नहीं सकता. गंगा दहशरा के अवसर पर काशी के घाटों पर अलग उमंग देखने को मिली है, आज इस विशेष अवसर वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर मां गंगा की विश्व प्रसिद्ध महाआरती हुई. जहाँ पर इस क्षण के साक्षी वहां पर उस्पस्थित हज़ारो श्रद्धालु बनें

वाराणसी : आज देश में गंगा दशहरा की धूम है, बात गंगा प्राकट्य दिवस की हो और देश की आधयात्मिक राजधानी वाराणसी पीछे रहे ये तो हो ही नहीं सकता. गंगा दहशरा के अवसर पर काशी के घाटों पर अलग उमंग देखने को मिला है, आज इस विशेष अवसर पर वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर मां गंगा की विश्व प्रसिद्ध महाआरती हुई. जहाँ पर इस क्षण के साक्षी वहां पर उस्पस्थित हज़ारो श्रद्धालु बनें. दशाश्वमेघ घाट समेत वाराणसी के अन्य प्रमुख घाटों पर विशेष आरती की गयी. दशाश्वमेघ घाट पर 11 अर्चकों और 22 कन्याओं के साथ माँ गंगा की आरती की गयी.


पूरे देश में आज गंगा दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया गया. वाराणसी, प्रयागराज समेत उत्तराखंड के हरिद्वार में लाखो श्रद्धालुओं ने गंगा में डूबकी लगाई. ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन यानी गंगा दशहरा के दिन ही माँ गंगा धरती पर प्रकट हुई थी जिसके कारण आज गंगा में स्नान करने का अलग महत्त्व है.


मान्यता है कि गंगा दशहरा का दिन पावन है. इस दिन मां गंगा के लिए व्रत भी रखना चाहिए. गंगाजल को बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है. किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग अवश्य किया जाता है. गंगा दशहरा के दिन जल दान का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा के दिन श्री सत्‍यनारायण की कथा सुनना या पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है.

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