उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में इस बार कावड़ यात्रा के दौरान एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। कावड़िए इस बार भोलेनाथ की मूर्ति को अपने कंधे पर बिठाकर यात्रा कर रहे हैं, जिससे पूरे कावड़ मार्ग पर एक अलग ही उत्साह और उमंग का माहौल बन गया है। कावड़ियों के इस नए तरीके ने न केवल यात्रियों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है बल्कि श्रद्धालुओं के अंदर एक नई ऊर्जा भी भरी है।
यात्रियों के लिए बना आकर्षण का केंद्र
बता दें हर साल लाखों कावड़िए अपने आराध्य भगवान शिव के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए विभिन्न स्थानों से गंगाजल लेकर आते हैं। लेकिन इस बार कावड़ मार्ग पर कावड़ियों द्वारा कंधे पर भोलेनाथ की मूर्ति को लेकर चलना एक नया और अनोखा तरीका साबित हो रहा है। यह दृश्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक है बल्कि अन्य यात्रियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है।
एकता और समर्पण की भावना
कावड़ियों की इस नई पहल ने यात्रा को अधिक धार्मिक और पवित्र बना दिया है। श्रद्धालु जन अपने आराध्य की मूर्ति को अपने कंधों पर बिठाकर यात्रा में शामिल होकर एक अनोखा अनुभव कर रहे हैं। यह नई परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि एकता और समर्पण की भावना को भी प्रकट करती है।