Kerala High Court: मलयालम फिल्म के अभिनेता को राहत, यौन उत्पीड़न मामले में बरी

ता दे दिलीप पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में आरोप लगाए गए थे। जिसमें षडयंत्र अपहरण, यौन उत्पीड़न, सामूहिक बलात्कार, सबूत नष्ट करना और साझा इरादे के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराएं भी शामिल हैं।

मलयालम फिल्म के अभिनेता दिलीप पर लगभग आठ साल पुरानी कानूनी लड़ाई पर फैसला आया। सोमवार को केरल की अदालत ने 2017 के यौन उत्पीड़न मामले पर अभिनेता दिलीप को कोर्ट से राहत मिली। केरल कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले पर उन्हें बरी कर दिया है।

8 साल से चल रहे केस पर जिला सत्र न्यायालय ने सोमवार को 2017 में अभिनेत्री बलात्कार और अपहरण के मामले पर जस्टिस हनी एम.वर्गीय ने आज खुली अदालत में फैसला सुनाकर बरी किया। वहीं पल्सर सुनी, मार्टिन एंटनी, मणिकंदन बी, विजेश वीपी, सलीम एच, प्रदीप, चार्ली थॉमस, दिलीप (असली नाम पी गोपालकृष्णन), सानिल कुमार उर्फ ​​मेस्थरी सानिल और शरथ शामिल है।

2018 में दिलाप ने केरल पुलिस पर पक्षपात का आरेप लगाया था, और केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दिया था कि आरोपी जांच एजेंसी नहीं चुन सकता है।

बता दे दिलीप पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में आरोप लगाए गए थे। जिसमें षडयंत्र अपहरण, यौन उत्पीड़न, सामूहिक बलात्कार, सबूत नष्ट करना और साझा इरादे के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराएं भी शामिल हैं।

दिलीप पर सबूत मिटाने का आरोप 2017 में दायर किया था। उसी वर्ष जुलाई में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। मामले में मुख्य आरोपी पल्सर सुनी ने जेल से एक पत्र भेजा था, जिसमें उसे 2017 में जमानत मिल गई थी। उसी साल में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई थी, हालांकि कई आरोपियों को या तो बरी कर दिया गया था या वे सरकारी गवाह बन गए थे.

2021 में फिल्म निर्माता बालचंद्र द्वारा दिलीप पर हमले के विजुअल्स के आधार पर जांच के आदेश दिए गए थे। अधिकारियों को नुकसान पहुँचाने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कर किया गया था।फिल्म उद्योग की कई हस्तियां इसमें शामिल थी उसमें से कई अपने बयानों से मुकर गए थे। बाद में बचाव पक्ष के दो गवाहों से कोर्ट में पूछताछ की गई जिसमें से पूर्व विधायक पीटी थॉमस और निर्देशक बालचंद की मुकदमें के दौरान मृत्यू हो गई।

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