चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत और चीन गुरुवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे सैन्य गतिरोध को कम करने के लिए विवादित सीमा के “सामान्यीकृत नियंत्रण” के लिए किसी भी आपातकालीन प्रतिक्रिया से पीछे हट गए। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष विवादित क्षेत्रों में सांझा हितों को “एकजुट” करने के लिए सहमत हुए हैं। जल्द ही 14 वें दौर की सैन्य वार्ता की तैयारी करेंगे।
यह बयान गुरुवार को वीडियो लिंक के जरिए सीमा मामलों पर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (Working Mechanism for Consultation and Coordination) के 23वें दौर के बाद जारी किया गया। देपसांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स जैसे तनाव के शेष क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने के चीनी बयान में कोई उल्लेख नहीं था। दोनों पक्ष 18 महीने से अधिक समय से सैन्य गतिरोध से घिरे हुए हैं और द्विपक्षीय संबंध दशकों में सबसे खराब स्थिति में हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने व्यक्त किया कि उनके विदेश मंत्रियों के बीच दुशांबे बैठक की सर्वसम्मति की भावना के अनुसार, वे सीमा की स्थिति को और आसान बनाने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे। इसके अलावा जितनी जल्दी हो सके आपातकालीन प्रतिक्रिया से सामान्य नियंत्रण में स्थानांतरित करने का प्रयास करेंगे।”
चीन के पश्चिमी थिएटर कमांड (WTC) द्वारा जारी एक संक्षिप्त बयान और कई राज्य द्वारा संचालित मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित, वार्ता का बहुत कम विवरण दिया, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण सुचना रही। बता दें कि, भारत ने बार-बार और लगातार चीन के आरोपों को खारिज किया है कि भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चीन की तरफ LAC को पार कर लिया है। भारत ने यह कहते हुए हमेशा सीमा प्रबंधन और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए एक जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाया है।