लखीमपुर खीरी मामले की जांच की HC के रिटायर्ड जज से निगरानी कराएगा सुप्रीम कोर्ट

लखीमपुर खीरी में हिंसा के मामले में कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश एन वी रमना की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर असंतुष्टि ज़ाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा स्टेटस रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है, जैसी हम उम्मीद कर रहे थे वैसे कुछ नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि वह मामले में राज्य के बाहर के हाई कोर्ट के जज से मामले की जांच की निगरानी करना चाहता है।

सुप्रीम कोर्ट मामले की डे टू डे जांच की निगरानी के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रणजीत सिंह , पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार के नाम का सुझाव दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से हाईकोर्ट के पूर्व जज से पूरे मामले निगरानी कराने के कोर्ट के सुझाव पर अपना जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जनक की निष्पक्ष जज से निगरानी कराई जानी चहिए, यही हल है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई से पहले नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि अभी तक लैब की भी रिपोर्ट नहीं आई है? सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे से पूछा कि मामले में अभी तक केवल एक आरोपी एक मोबाइल फोन साइज़ किया गया, दूसरे आरोपियों का क्यों नहीं ज़ब्त किया गया? उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने जवाब देते हुए कहा कि सीसीटीवी से हमने आरोपियों के मौजूद होने कि स्थिति स्पष्ट की है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा का सेलफोन कहा था?

उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने बताया कि स्टेटस रिपोर्ट में आशीष के मोबाइल फोन की लोकेशन के बारे में बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा अकजी अन्य आरोपियों का मोबाइल फोन क्यों नहीं ज़ब्त किया गया? उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि मामले में दूसरे आरोपियों ने कहा कि उनके पास मोबाइल फोन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य ज़ाहिर करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि यह आप कह रहे है, दूसरे आरोपियों के पास मोबाइल फ़ोन नहीं है वह फ़ोन का इस्तेमाल नहीं करते

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोई FIR होती है जांच होनी चहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा सभी मामलों की जांच की अलग अलग की जा रही है। जांच में हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ही साक्ष्य को दो जगह इस्तेमाल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने हरीश साल्वे कोर्ट को बताया कि मजिस्ट्रेट ने गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं, साक्ष्यों कि सामग्री भी रिकॉर्ड में लिया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने बताया कि कार से खींच कर लोगों को मारा गया, उसमें क्षेत्रीय लोग भी हैं और उस मामले में जांच में थोड़ी दिक्कत आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको पता करना होगा कि किसानों की क्रूर हत्या में कौन शामिल था। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मामले में तीन आरोपियों की मौत हो गई, 13 को गिरफ्तार किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्रकार की मौत को जिस तरह से पेश किया गया उससे अलग उसकी मौत हुई, यह दिखाया गया कि पत्रकार की पिटाई से मौत हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि किसान और पत्रकार की कार से कुचल कर मौत हुई। मुख्य न्यायधीश ने यूपी सरकार से पूछा कि मृतक श्याम सुंदर के मामले में हो रही जांच में लापरवाही पर क्या कहेंगे? श्याम सुंदर कि पत्नी वकील ने मामले की जांच CBI से कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने मृतक श्याम सुंदर कि पत्नी वकील से कहा कि सीबीआई को मामला सौंपना कोई हल नहीं है।

स्टोरी- अवैश उस्मानी

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