रिपोर्ट – अवैस उस्मानी
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह बुधवार को मामले की जांच की मॉनिटरिंग करने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को नियुक्त कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए SIT में शामिल अधिकारियों पर भी सवाल उठाया। मामले की जांच कर रही SIT को बेहतर करने को कहा।
आज मामले की सुनवाई के शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच की निगरानी के लिए पूर्व जज की नियुक्ति पर सहमति जताई। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि जिसको कोर्ट जांच कि निगरानी के लिए नियुक्त करना चाहें, कर दें, हम तैयार हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य के बाहर हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस को हम नियुक्त करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा हमें स्वीकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमे जज की नियुक्ति के लिए एक दिन का समय लगेगा। सुप्रीम कोर्ट मामले में बुधवार को आदेश जारी कर सकता है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए SIT में शामिल अधिकारियों पर भी सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा SIT में अभी लखीमपुर खीरी के अधिकारी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा SIT में उच्च अधिकारियों को शामिल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कल तक उत्तर प्रदेश सरकार से SIT में शामिल करने के लिए ऐसे IPS अधिकारियों के नाम देने को कहा है जो उत्तर प्रदेश में कार्यरत है लेकिन मूलरूप से उत्तर प्रदेश के नहीं हो।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मामले की जांच कर रहे SIT के चीफ उमेश चंद्र अग्रवाल के ट्रांसफर का भी मामला उठा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में देखेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ याचिका दाखिल हुई है जिसमें कहा गया है कि उनको अभी तक मुआवज़ा नहीं मिला है। उत्तर प्रदेश सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि मुआवज़ा मिले।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट मामले की डे टू डे जांच की निगरानी के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रणजीत सिंह , पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार के नाम का सुझाव दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से हाईकोर्ट के पूर्व जज से पूरे मामले निगरानी कराने के कोर्ट के सुझाव पर अपना जवाब मांगा था।