उत्तर भारत में भूस्खलन और बाढ़ का कहर: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली में तबाही, 34 से अधिक मौतें

Jammu Kashmir Landslide. उत्तर भारत इन दिनों मूसलाधार बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। मंगलवार को जम्मू क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहाँ नदियों के उफान और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर माता वैष्णो देवी मार्ग में हुए भूस्खलन में कम से कम 30 तीर्थयात्रियों की मौत हुई, जबकि कई लोग घायल हो गए। कटरा से मंदिर तक का मार्ग बंद कर दिया गया है और यात्रा स्थगित कर दी गई है।

डोडा जिले में चार लोगों की मौत हुई और कई मकान व पुल ढह गए। सेना और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। जम्मू-श्रीनगर हाईवे और कई रेल सेवाएं ठप हैं, जबकि लाखों लोग संचार बाधित होने से परेशान हैं।

हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू जिलों में भी हालात बिगड़े हुए हैं, 680 से अधिक सड़कें बंद हैं और मनाली-लेह हाईवे का एक बड़ा हिस्सा ब्यास नदी में बह गया। राज्य में पिछले 24 घंटों में 12 बार अचानक बाढ़ और कई भूस्खलन दर्ज किए गए।

पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, कई जिलों में लोग अपने घर खाली कर रहे हैं। दिल्ली में अगस्त की सबसे भारी बारिश से जलभराव और ट्रैफिक जाम बढ़ गया है। यमुना का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।

ओडिशा के बालासोर और भद्रक जिलों में 170 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान में भी कई जगह भारी बारिश हुई, जालोर में नदी में डूबने से दो मौतें हुईं।

भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए जम्मू और पंजाब में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। राहत कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना का C-130 परिवहन विमान जम्मू पहुंचा, साथ ही चिनूक और एमआई-17 V5 हेलीकॉप्टर बचाव कार्य के लिए तैयार रखे गए हैं।

भारत ने पाकिस्तान को तवी नदी में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के अनुसार आने वाले दिनों में राजस्थान और दिल्ली समेत उत्तरी राज्यों में बारिश की स्थिति बनी रहेगी।

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