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UP में कानून या लूट तंत्र? थाने के मालखाने से 41.30 लाख नकद-जेवरात गायब, केस की फाइलें भी लापता!

उत्तर प्रदेश पुलिस पर एक बड़ा दाग लगा है। कानपुर के गोविंदनगर थाने के मालखाने से 41.30 लाख रुपए की चोरी हुई है। इस चोरी में 38 लाख 78 हजार..

 उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक बहुत ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जो पुलिस लोगों की रक्षा करती हैं वो खुद चोर बन गई हैं। जी हाँ आपने बिल्कुल सही समझा…. कानपुर के गोविंदनगर थाने के मालखाने से 41.30 लाख रुपए की चोरी हुई है। इस चोरी में 38 लाख 78 हजार रुपए नकदी के साथ-साथ एक संवेदनशील मामले की केस फाइल भी गायब हो गई है। यह मामला थाना प्रभारी की शिकायत पर सामने आया है, जिसके बाद तत्कालीन मालखाना इंचार्ज दिनेश चंद्र के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

क्या थाने के अंदर ही छिपे हैं चोर?

गोविंदनगर थाने के मालखाने से हुई इस चोरी ने पुलिस प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। मालखाने में रखी गई नकदी और अन्य सामान की जांच करते समय यह बात सामने आई कि 41.30 लाख रुपए की चोरी हुई है। इसमें 38 लाख 78 हजार रुपए नकदी के अलावा, एक गंभीर मामले की केस फाइल भी गायब हो गई है। यह फाइल संवेदनशील मामले से जुड़ी हुई थी, जिसके गायब होने से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

थाना प्रभारी ने दारोगा पर लगाए गंभीर आरोप

दरअसल, गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि जब नए मालखाना इंचार्ज ने चार्ज संभाला और रिकॉर्ड से मिलान किया, तो 41.30 लाख रुपये की नकदी और कीमती सामान गायब मिले। इससे पहले, पूर्व मालखाना इंचार्ज दिनेश चंद्र तिवारी थे, जिनका ट्रांसफर लखनऊ के चौक थाने में हुआ था,शायद यही वजह रही कि चार्ज सौंपने में पूर्व मालखाना इंचार्ज आनाकानी कर रहे थे। उन्हें कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन उन्होंने समय पर चार्ज नहीं सौंपा।

चार्ज सौंपने में टालमटोल से बढ़ा शक

इसके बाद 22 अक्टूबर 2020 से 17 अक्टूबर 2022 तक दिनेश चंद्र तिवारी गोविंद नगर थाने में मालखाना मुहर्ररीर के पद पर तैनात थे। उनके ट्रांसफर के बाद उन्होंने नए इंचार्ज को चार्ज सौंपने में देर की, जिससे अधिकारियों को शक हुआ। जब सख्ती बरती गई, तो उन्होंने हेड कांस्टेबल अजय कुमार को चार्ज सौंपा, लेकिन जांच के दौरान मालखाने से भारी रकम और कीमती सामान गायब पाया गया।

पुलिस की जांच जारी, क्या सामने आएंगे और नाम?

वही इस मामले में DCP साउथ महेश कुमार ने बताया कि चोरी की इस घटना के बाद तत्कालीन मालखाना इंचार्ज दिनेश चंद्र तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है, जो पूरी घटना की गहन पड़ताल करेगी। इसके अलावा, मालखाने में रखे गए सामान की सूची और रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। साथ ही, तत्कालीन मालखाना इंचार्ज दिनेश चंद्र से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस मामले में थाने के अंदरूनी लोगों की संलिप्तता हो सकती है।

UP Police पर लगा दाग!

हालांकि, पुलिस विभाग ने तो साफ किया है कि दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, इस घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और विभाग पर एक बड़ा दाग लगा दिया है।

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