
भिण्ड: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक रसाल सिंह ने लहार विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल संत शिरोमणि रावतपुरा सरकार रविशंकर महाराज के बारे में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविन्द सिंह द्वारा की गई संत विरोधी बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर उन्होंने अपनी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित किया है। पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कहा कि इस तरह से संतों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविन्द सिंह ने कुछ दिन पूर्व अपने गृह ग्राम बैसपुरा में हो रहे रामायण पाठ को गलत बताते हुए कहा था कि मुझे रामायण की आवाज सुनकर बहुत तकलीफ होती है। सिर दर्द होने लगता है और सो नहीं पाता हूं। इसी प्रकार डॉक्टर गोविन्द सिंह ने पुनः इस प्रकार की भाषा का प्रयोग कर पवित्र धार्मिक स्थल श्री रावतपुरा सरकार एवं महंत श्री विभूषित रविशंकर महाराज के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।
इससे यह प्रतीत होता है कि उन्होंने जो भ्रष्टाचार किए हैं। उनकी असलियत अब जनता के सामने आने वाली है। इसलिए बौखला कर उन्होंने संतो के बारे में जो टिप्पणी की है वह उनकी और कांग्रेस की संत विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। इसीलिए बौखला कर उन्होंने रावतपुरा सरकार और वहां के रामलला के बारे में जो अमर्यादित टिप्पणी करने का दुस्साहस किया है। आगामी चुनाव में लहार क्षेत्र की जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
पूर्व विधायक सिंह ने कहा की रावतपुरा सरकार का देश को प्रदेश की जनता पूर्ण रूप से सम्मान करती है, जहां भी जिस राज्य में उनके आश्रम चल रहे हैं, वहां समाज सेवा एवं शिक्षा तथा गरीब मजदूरों असहाय एवं पीड़ित समाज के उत्थान के पुनर्वास के लिए कार्य किए जा रहे हैं। पूर्व विधायक रसाल सिंह ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा रावतपुरा सरकार पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम में श्री बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री जी की हनुमंत कथा चल रही थी उस समय भी उन्होंने अनर्गल प्रलाप कर संत और सनातन विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित किया था। उन्होंने कहा कि रावतपुरा सरकार के महंत रविशंकर दास महाराज पर जो कीचड़ उछालने का प्रयास किया है, वह पूर्णतः संत विरोधी है।









