
बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा आगामी लोकसभा आमचुनाव के लिए पार्टी की हर स्तर की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों की लगातार चल रही बैठकों के क्रम में आज यहाँ उत्तराखण्ड राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा राज्य में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों के साथ की गयी और उन्हें पार्टी के जनाधार को सर्वसमाज में बढ़ाने की हिदायत देते हुये कहा कि पार्टी उम्मीदवारों को तय करते समय राजनीतिक समीकरण के साथ ही पार्टी व बी.एस.पी. मूवमेन्ट से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दिया जाना बेहतर होगा।
आपको बता दें कि पहाड़ी राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड पार्टी संगठन की दो इकाई बनाकर पार्टी संगठन की मजबूती के साथ ही चुनावी तैयारी भी लगातार जारी है, जिसकी आज पार्टी प्रमुख ने अलग-अलग से बैठक की और क्षेत्र के अलग राजनीतिक हालात व ताजा चुनावी समीकरण आदि का ध्यान रखते हुये आगे के लिए नये दिशा-निर्देश दिये।
मायावती ने कहा कि पार्टी का ऑकलन है कि उत्तराखण्ड सरकार की राज्य की आमजनता के हित, कल्याण,शान्ति व सुरक्षा आदि को लेकर जो लापरवाही व कमियाँ हैं उस पर चुनाव पूर्व पर्दा डालने के लिए ही राज्य में सौहार्द के वातावरण को जानबूझ कर बिगाड़ा जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार की राजनीति, रणनीति और चिन्तायें सर्वसमाज के हित, कल्याण व विकास आदि को लेकर कम तथा चुनावी स्वार्थ को लेकर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का ही ज्यादा है, जिसका हाल में घटित हल्द्वानी घटना ताजा उदाहरण है। उन्होने कहा कि आनन-फानन में बुल्डोजर विध्वंस की कार्रवाई के दौरान हुई हिंसा, मौतें तथा उसके बाद की सरकारी कार्रवाई साबित करती है कि सरकार चुनाव में माहौल का लाभ लेने को आतुर है। ऐसे में पीड़ित जनता को राहत व इन्साफ मिल पाना मुश्किल ही लगता है।
उत्तराखण्ड राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर आगामी चुनाव अकेले अपने बलबूते पर ही लड़ने का पार्टी का संकल्प दोहराते हुये मायावती ने कहा कि, उत्तर प्रदेश की तरह ही, पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड के लोगों को भी बी.एस.पी. से काफी आशायें हैं और इसीलिए पार्टी उम्मीदवारों का चयन भी वैसे ही काफी सोच-समझ कर किया जाना चाहिये जैसाकि यूपी के संदर्भ में काफी गहनता के साथ किया जा रहा है। पार्टी उम्मीदवारों का केवल चुनाव जीतना ही काफी नहीं है, बल्कि चुनाव के बाद भी उनका बी.एस.पी. पार्टी व मूवमेन्ट के प्रति वफादार, अनुशासित एवं कर्मठ बने रहना जरूरी है।
देश भर में व्याप्त जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, संकीर्ण व द्वेषपूर्ण राजनीतिक उठापठक,तनावपूर्ण हालात आदि के कारण लोगों के त्रस्त जीवन का उल्लेख करते हुये मायावती ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस पार्टी की सरकार की तरह ही वर्तमान सरकार भी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं को हल करने में काफी हद तक विफल साबित हुई है। इनका काम कम व ढिंढोरा ज्यादा पीटने की कार्यशैली से आमजन का जीवन कष्टदायी बना हुआ है तथा खासकर ग्रामीण उत्तर भारत के जीवन का काफी बुरा हाल है, जिसके प्रति वर्तमान सरकार का उदासीन बने रहना बड़ी चिन्ता की बात है।