![](https://bharatsamachartv.in/wp-content/uploads/2024/03/brij-e1709475985240.jpg)
शनिवार को बीजेपी ने देशभर के 195 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए पार्टी में हलचल तेज कर दी। इस लिस्ट में कई नाम जोड़े गए तो कइ दिग्गजों के नाम को हटाया भी गया। यहां सबसे दिलचस्प रहा, यूपी की 51 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम में बृजभूषण का नाम न होना और टेनी का नाम होना। दरअसल, बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी करते हुए चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है। इस लिस्ट को देखते हुए अब चर्चा है की गोंडा के चर्चित सांसद बृज भूषण शरण सिंह का टिकट कट सकता है। उनके बयानबाजी और पहलवानों से हुई तू-तू मै-मै से बीजेपी की मुश्किलें ख़ासा बढ़ गई थी। वहीँ। लखिम पुर खीरी से अजय मिश्र टेनी को टिकट देकर अब बीजेपी एक बार फिर किसानों और विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है।
अगर देखा जाए तो, अजय मिश्रा टेनी और बृज भूषण शरण दोनों ही विवादित नेता रहे हैं। दोनों ही नेताओं के चलते बीजेपी को मुसीबत झेलनी पड़ी है। मगर पार्टी को दोनों की खास जरूरत भी है, इस बात से भी इंकार नहीं कर सकतें। अब सवाल यह उठता है कि BJP यह फजीहत कहां तक झेल पाएगी और भाजपा का इस पूरे रणनीति के पीछे असली गेम प्लान क्या है….?
अजय मिश्र टेनी
जब देश भर में ट्रिपल कृषि कानून को लेकर किसान केंद्र के खिलाफ आंदोलन छेड़े हुए थे, उस समय अचानक बीजेपी नेता अजय मिश्रा टेनी का नाम सुर्ख़ियों में छाया हुआ था। दरअसल, 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में किसानों के आंदलोन के समय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और आंदोलन कर रहे किसानों के के बीच विवाद के बाद हिंसा हुई थी। इसमें 4 किसान और 1 पत्रकार की मौत हो गई थी।
इसी मामले में आरोप है कि किसानों की मौत आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचलने के कारण हुई थी। इस मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। जिसके बाद से ही ऐसे कयास लग रहे थे कि अजय का टिकट आगामी लोकसभा 2024 चुनाव में काट दिया जाएगा। हालांकि, पार्टी ने एक बार फिर अजय मिश्र टेनी पर भरोसा जताते हुए इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।
बृज भूषण शरण सिंह
बात करें गोंडा के बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह की तो पार्टी के लिए वो भले ही मुसीबत का कारण बने हो मगर पार्टी के हिंदुत्व वाले अगेनफडे में उनका नाम भी सर्वोपरि है। जिस राम मंदिर के नाम पर वो 2024 में अबकी बार 400 पार’ का नारा दे रही है उस राम मंदिर के आंदोलन में उनकी भूमिका को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। बृज भूषण का नाम भी सीबीआई के अभियुक्तों की लिस्ट में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के साथ रहा है। ऐसे में बीजेपी नेतृत्व चाह कर भी ये वाला जोखिम नहीं ले सकता।
अब सवाल उठता है कि अगर ऐसा है तो फिर बीजेपी क्या करेगी ….? क्या उनको भी टेनी की तरह टिकट दे देगी मगर ऐसा हुआ तो भारतीय जनता पार्टी के लिए आगे का राह काफी मुश्किलों भरा हो सकता है। इस बीच राजनीतिक गलियारों में ये भी अटकलें उठ रही हैं कि बीजेपी उनकी जगह उनके बेटे या जिसका भी नाम बृज भूषण प्रस्तावित करें, आपसी सहमति से उसको टिकट देकर अपनी दोनों मुश्किलों से छुटकारा पा सकती है। खैर बीजेपी के इस रणनीति के पीछे कैसा गेमप्लान है वो तो आने वाला समय ही बताएगा मगर एक बात साफ़ है इतिहास गवाह है तमाम विवादों के बावजूद बीजेपी अपने दिग्गजों का साथ कभी नहीं छोड़ती।