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रामनवमी पर उर्दू में पढ़ी गई प्रभु श्री राम की आरती, मुस्लिम महिलाओं ने आरती उतार मनाया जन्मोत्सव

वही देश में वक्फ़ बोर्ड कानून पास होने पर अपना समर्थन व्यक्त किया। मुस्लिम महिलाओं ने वक्फ़ बोर्ड कानून लाने और उसे पास करवाने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रामनवमी के पर्व के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने अनूठी पहल की है। वाराणसी के लमही में मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव पर भगवान श्री राम की आरती उतारी।वही प्रभु श्री राम की आरती का पाठ मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में पढ़ी। मुस्लिम महिलाओं को उर्दू में प्रभु श्री राम की आरती का पाठ करता देख सभी अचंभित हो उठे। जबकि मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्री राम को अपना आराध्य बताते हुए उर्दू में आरती का पाठ करने के साथ परंपरागत सोहर गाया। इससे पहले आयोजन को लेकर मुस्लिम महिलाओं ने जन्मोत्सव की तैयार रंगोली और प्रभु श्री राम के प्रतिमा को सजाने के साथ किया।

वक्फ़ बोर्ड का मुस्लिम महिलाओं ने किया समर्थन, कट्टरपंथ को दिया करारा जवाब…

हिंदी साहित्य के प्रख्यात लेखक के गांव लमही में मुस्लिम महिलाओं ने रामनवमी के अवसर पर प्रभु श्री राम का धूम धमा से जन्मोत्सव मनाया। वही देश में वक्फ़ बोर्ड कानून पास होने पर अपना समर्थन व्यक्त किया। मुस्लिम महिलाओं ने वक्फ़ बोर्ड कानून लाने और उसे पास करवाने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया। वही देश में धार्मिक कट्टरपंथियों को कड़ा जवाब दिया। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने इस मौके पर कहा कि भारत में अरबी, तुर्की और मुगल ने आक्रमण कर यहां लूट के साथ बड़ी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया,लेकिन जो हमारे पूर्वज है उनके आराध्य प्रभु श्री राम थे और आज भी हम सभी उन्हें ही अपना आराध्य मानते है। क्योंकि अपने परंपरा, पूर्वज और आराध्य को कभी बदला नहीं जा सकता है।

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