Lucknow : गोमती की सफाई न होने से नदी के अस्तिव पर संकट,अधिकारी कागजों पर करते हैं नदी की सफाई

कई जिलों की जीवन रेखा कही जाने वाली गोमती नदी आज तेजी से सूख रही है. कहीं पानी ने नदी का घाट छोड़ दिया है तो कहीं बीच तलहटी में रेत के लंबे-चौड़े टीले उभर आए हैं. पानी की जगह घास उगे हैं और जगह-जगह रेत उड़ रही है. इस कारण गोमती नदी के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है

Desk : कई जिलों की जीवन रेखा कही जाने वाली गोमती नदी आज तेजी से सूख रही है. कहीं पानी ने नदी का घाट छोड़ दिया है तो कहीं बीच तलहटी में रेत के लंबे-चौड़े टीले उभर आए हैं. पानी की जगह घास उगे हैं और जगह-जगह रेत उड़ रही है. इस कारण गोमती नदी के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है. गोमती नदी गंदगी और जलकुंभी से पटी पड़ी है, सफाई न होने के कारण नदी के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है. गोमती नदी में जलकुंभी ने अपना पक्का स्थान बना डाला है.

नदी की सफाई केवल अधिकारी कागजों पर करते हैं. जलकुंभी से पटी नदी में यदि प्रवाह न बढ़ा तो गोमती नदी का विलुप्त होने का खतरा ज्यादे है. आपको बता दें कि गोमती नदी लगभग 12 जनपद से होकर गुजरती है. साथ ही गोमती नदी को पूर्वांचल की जीवन रेखा के तौर पर जाना जाता है.

गोमती पीलीभीत के माधव टांडा गोमुख ताल से निकलती है और पूर्वांचल के गाजीपुर के सैदपुर में गंगा नदी में जाकर मिलती है. गोमती नदी की हो रही दुर्दशा पर संबंधित अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. अधिकारी कागजों पर नदी की सफाई कर डालते हैं. धरातल पर गोमती नदी की तस्वीर सत्यता को बयां कर रही है.

Related Articles

Back to top button