Mahakumbh 2025: महाकुंभ की पुण्य-यात्रा! आस्था की डुबकी लगाने के बाद अखिलेश यादव ने कहीं ये बड़ी बात!

कुछ लोग पुण्य कमाने के लिए गंगा में स्नान करते हैं, कुछ लोग दान देने जाते हैं, और कुछ अपने पापों को धोने के लिए आते हैं। हम पुण्य और दान..

Mahakumbh 2025: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज में संगम में आस्था की डुबकी लगाई और ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही उन्होंने महाकुंभ मेले के एक शिविर में मुलायम सिंह यादव की स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।

महाकुंभ की पुण्य-यात्रा!

वही आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ के महत्व को लेकर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने महाकुंभ को 144 साल में एक बार आने वाला महत्वपूर्ण अवसर बताया। अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, महाकुंभ की पुण्य-यात्रा! महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, वो भी संगम के किनारे ही मतलब जीवन में एक बार और वो भी नदियों के मिलन स्थल पर, इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है। हमें संगम की तरह जीवन भर मेलजोल का सकारात्मक संदेश देना चाहिए। सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा… तब-तब हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे।

संगम में पवित्र स्नान

बता दें कि इससे पहले, 15 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर अखिलेश यादव ने हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाई थी। इस महीने की शुरुआत में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह प्रयागराज महाकुंभ में जाएंगे, तो अखिलेश यादव ने कहा था कि वह हमेशा धार्मिक समागमों में भाग लेते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ लोग पुण्य कमाने के लिए गंगा में स्नान करते हैं, कुछ लोग दान देने जाते हैं, और कुछ अपने पापों को धोने के लिए आते हैं। हम पुण्य और दान दोनों के लिए जाएंगे। अखिलेश यादव ने 2019 में अर्धकुंभ के दौरान भी प्रयागराज जाकर संगम में पवित्र स्नान किया था।

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