
शाही स्नान के पहले दिन के साथ आज से महाकुंभ 2025 का आगाज़ हो चुका है। महाकुंभ को लेकर सियासी गलियारों में जो हलचल मची थी वो किसी से भी छिपी नहीं है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने महाकुंभ पर भी राजनीतिक रोटियां सेकने से लेकर एक दूसरे पर सियासी कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। सपा मुखिया ने तो यहां तक कह डाला कि भाजपा ने अपने सबसे ज्यादा लूटने वाले मंत्रियों को वहां ड्यूटी पर लगाया है।
सपा प्रमुख ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर पार्टी मुख्यालय में एक कैलेंडर जारी करते हुए मिल्कीपुर उपचुनाव पर भी अपडेट दिया। इस पर भी सत्तारुढ़ दल की क्लास लगाने का कोई मौका उन्होंने नहीं छोड़ा।
महाकुंभ के बीच इन दोनों पार्टियों के बीच सियासी तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अखिलेश ने लखीमपुर खीरी का भी मुद्दा उठाया उन्होंने कहा इस पूरे प्रकरण में वहां की पुलिस का रवैया ठीक नहीं रहा है। पीडीए परिवार के लोगों का अपमान हो रहा है। लोग पीड़ित, दुखी और अपमानित हुए हैं। वहां की पुलिस पर कार्यवाही नहीं हुई तो हम मानेंगे कि ये सरकार पूरी तरह से जातिवादी है। उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे इन दिनों ज्यादातर दो पार्टियों का अखाड़ा बनकर रह गए हैं। आगे और क्या-क्या होता है राजनीतिक उतार-चढ़ावों के बीच ये अब देखने वाला होगा।








