मोबाइल युग में पढ़ाई को बनाएं रोचक… एस. जयशंकर ने स्मार्ट क्लास और खेल परिसर का किया उद्घाटन

खेल परिसर में बच्चों और युवा खिलाड़ियों को इन सुविधाओं का बेहतर उपयोग करते देखना बहुत प्रेरणादायक है। इस तरह की सुविधाएं हमारे देश की छिपी हुई प्रतिभाओं को प्रतिस्पर्धी स्तर तक पहुंचने में मदद करेंगी।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को गुजरात के नर्मदा जिले के लाछरस गांव में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासेस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मोबाइल के दौर में स्मार्ट क्लासेस छात्रों की पढ़ाई को रोचक और प्रभावी बनाने में मदद करती हैं।

जयशंकर ने कहा, “आज स्मार्ट क्लासेस का उद्घाटन हुआ। हमने छात्रों से बातचीत की और जाना कि वे इसका कैसे इस्तेमाल करते हैं। यह एक अच्छी पहल है। जैसे शिक्षक ने बताया कि यह मोबाइल का युग है, बच्चे मोबाइल को आसानी से चला लेते हैं, तो स्मार्ट क्लास के जरिए स्कूल भी उनके लिए रोचक हो जाता है।”

विदेश मंत्री नर्मदा जिले के विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान उन्होंने राजपीपला में स्थित छोटूभाई पुरानी स्पोर्ट्स कैंपस के जिम्नास्टिक्स हॉल का भी उद्घाटन किया और वहां मौजूद छात्रों से बातचीत की। उन्होंने छात्रों को बैलेंस बीम, पैरेलल बार्स, रिंग्स आदि पर प्रदर्शन करते देखा और उनकी सराहना की।

उन्होंने कहा, “मैं छोटूभाई पुरानी स्पोर्ट्स कैंपस भी गया, जहां मुझे जिम्नास्टिक्स की व्यवस्था देखकर काफी अच्छा लगा। यहां अच्छे उपकरण हैं, बड़ी जगह है और विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि यह स्पोर्ट्स कैंपस काफी पुराना है और यहां सुधार की आवश्यकता महसूस की गई थी। इसलिए सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत इसका पुनर्निर्माण कराया गया।

जयशंकर ने कहा, “यहां के बच्चे बहुत छोटी उम्र से ही ट्रेनिंग के लिए आते हैं। मोदी सरकार खेलो इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से खेल प्रतिभा को निखारने का कार्य कर रही है। इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, जो शारीरिक रूप से स्वाभाविक रूप से फिट होते हैं। हमें सिर्फ उन्हें एक मौका देना था, जिसे यह सुविधा प्रदान कर रही है।”

अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री ने राजपीपला में पासपोर्ट सेवा केंद्र का भी दौरा किया। उन्होंने बताया कि, “जब मैं 6 साल पहले मंत्री बना, तब यहां पासपोर्ट केंद्र की मांग थी। आज जब मैं यहां आया तो देखा कि प्रतिदिन 30-40 आवेदन आते हैं। इससे लोगों को यह विश्वास हुआ है कि विदेश मंत्रालय जनता के लिए काम कर रहा है।”

जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, “खेल परिसर में बच्चों और युवा खिलाड़ियों को इन सुविधाओं का बेहतर उपयोग करते देखना बहुत प्रेरणादायक है। इस तरह की सुविधाएं हमारे देश की छिपी हुई प्रतिभाओं को प्रतिस्पर्धी स्तर तक पहुंचने में मदद करेंगी।”

यह दौरा न सिर्फ बुनियादी ढांचे के विकास को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सरकार शिक्षा और खेल जैसे क्षेत्रों में किस तरह जमीनी स्तर पर सुधार के लिए प्रयास कर रही है।

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