माता प्रसाद पांडे बने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, जानें क्या है उनका राजनीतिक करियर

अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक थे। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में कन्नौज संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने पर उन्हें नेता प्रतिपक्ष से इस्तीफा देना पड़ा था।

यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान रविवार को कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में माता प्रसाद पांडे को चुना गया है। माता प्रसाद पांडे विधानसभा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जगह लेंगे। वहीं यूपी विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडे को बधाई दी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आशा है कि माता प्रसाद पांडे एक प्रकाश स्तंभ के रूप में संविधान की सशक्त परंपरा का मार्ग सदैव प्रकाशित करके, सही दिशा दिखाते रहेंगे।

इटवा विधायक हैं माता प्रसाद पांडे

यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने गए माता प्रसाद पांडे सिद्धार्थनगर की इटवा से विधायक हैं। बता दें वह 8 बार से विधायक हैं। उन्होंने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में दो बार विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं, उन्हें यह जिम्मेदारी सोमवार 29 जुलाई से मिल जाएगी। माता प्रसाद पांडे को अखिलेश यादव का बहुत करीबी माना जाता है। जिसके कारण उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

1980 में जीता पहला चुनाव

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने अपना पहला चुनाव साल 1980 में जनता दल की टिकट से जीता था। वहीं 1985 में लोकदल से और 1989 में फिर से जनता दल से विधानसभा का चुनाव जीता था। हालांकि 1991 और 1995 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। माता प्रसाद पांडे ने साल 2002 के चुनाव में पहली बार सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचा। इसके बाद उन्हें 2007-12 विधानसभा में जीत दर्ज की थी। लेकिन साल 2017 के चुनाव में डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी से हार गए थे।

सपा ने की सवर्णों को साधने की तैयारी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव के पहले सवर्णों को साधने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में सपा-कांग्रेस गठबंधन को पिछड़े और दलित समुदाय के लोगों का भारी संख्या में जनसमर्थन मिला था। वहीं चुनाव के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि सपा पिछड़ा या दलित वर्ग से ही किसी नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपेंगी। लेकिन माता प्रसाद पांडे को चुनकर पार्टी सवर्ण वोटों को साधने की पूरी तैयारी कर रही है। बता दें लोकसभा चुनाव में सवर्ण वर्गों का ज्यादा वोट बीजेपी के पाले में था।

सांसद बनने के बाद अखिलेश ने दिया था इस्तीफा

अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक थे। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में कन्नौज संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने पर उन्हें नेता प्रतिपक्ष से इस्तीफा देना पड़ा था। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में चाचा शिवपाल सिंह यादव और पार्टी के वरिष्ठ विधायक इंद्रजीत सरोज का नाम आगे चल रहा था।

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