
पौड़ी में मौकड्रील के जरिये जिला प्रशासन ने आपदा राहत बचाव की तैयारियों का परिक्षण किया। मौकड्रील का उद्देश्य आपदा के घटित होने पर आपदा राहत बचाव टीम कितनी तेजी के साथ रेस्कयू कार्यो को अंजाम देगी। आयोजित मॉक ड्रील भूकंप से हुए नुकसान पर रखी गई थी।
मौकड्रील मे जिला प्रशासन को भूंकप के कारण कई जगह नुकसान की सूचनायें मिली। इसमें ननकोट गांव में जहां एक मकान में गिरने से 3 लोगों के मकान में फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई, जबकि इसी तहर से 6 बच्चों के एक पहाडी में फंसे होने की सूचना के साथ ही बस अड्डे में बस के क्षतिग्रस्त होने की सूचना जिला प्रशासन को मिली।

इस सूचना पर एनडीआरएफ टीम के साथ एसडीआरएफ और पुलिस जवानों की टीम अलग अलग घटना स्थल के लिये रवाना हुई। जिस पर आपदा राहत बचाव कार्य शुरू किया गया। ननकोट में 3 घायलों को क्षतिग्रस्त मकान से बाहर निकालकर राहत बचाव टीम ने अस्पताल पहुंचाया, वहीं पहाडी पर फंसे बच्चों को सुकुश्ल पहाडी से निकाला गया। दूसरी तरफ बस अड्डे पर बस के क्षतिग्रस्त हो जाने से एक व्यक्ति की मौत जबकि तीन लोग इस हादसे में घायल हो गये, जिस पर राहत बचाव कार्य कर सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
मॉक ड्रील की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि मॉक ड्रील का करने का मकसद अधिकारियों कर्मचारियों को चुस्त दुरूस्त करने का था। जिससे कम समय में रैस्कयू कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके। आयोजित मॉक ड्रील में एनडीआरएफ के सहयोग से अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा बेहतर कार्य किया गया और इस परिक्षण से अधिकारियों कर्मचारियों ने राहत बचाव कार्य की कमियों को दूर करने के तरिको को भी एनडीआरएफ के सहयोग से सिखा।









