मायावती का “मायाजाल” आखिर क्या होगा उपचुनाव में सियासत का नजारा!

बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण के मसले पर वोटरों में सेंधमारी करने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है.

UP Politics: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उप चुनाव का बिगुल बज गया है. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से संविधान बचाओ तो सपा का स्पष्ट संदेश पीडीए को लेकर तो वही बसपा भी इस दौड़ में कहां पिछड़ने वाली नहीं है. बसपा सुप्रीमो मायावती इस चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है. बीजेपी और सपा जहां अभी अपने उम्मीदवारों पर मंथन ही कर रही है वहीं मायावती ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण के मसले पर वोटरों में सेंधमारी करने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा जॉइंट सेक्रेटरी, उपसचिव और निदेशक की सीधी भर्ती पर हमला भी बोला है.

मायावती ने इसे संवैधानिक हनन बताते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि इस तरह की भर्तियों से निचले स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ सकता है, जबकि उन्होंने कोटे के लाभ वंचित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवम अन्य एवम पिछड़ा वर्ग को लाभ देने की हिमायत की है. उन्होंने भाजपा पर उच्च पदों पर इस तरह से भर्ती करना नियम विरुद्ध और सविधान का हनन बताया है.

दरअसल मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते कहा- केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा.

वही दूसरे पोस्ट में मायावती ने कहा- इसके साथ ही, इन सरकारी नियुक्तियों में SC, ST व OBC वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा. और इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाये हुये भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा.

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