
ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक पहल शुरू की है। 23 मई से सात सभी पार्टियों के सांसदों की टीमों को दुनिया के प्रमुख राजधानी शहरों में भेजा जाएगा। इन टीमों का उद्देश्य पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुट आवाज़ दुनियाभर में पहुंचाना है।
इस मिशन में 51 राजनीतिक नेता शामिल होंगे, जिनमें विभिन्न पार्टियों के सांसद, पूर्व मंत्री और 8 पूर्व राजदूत शामिल हैं। ये नेता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों सहित 25 से अधिक देशों का दौरा करेंगे।
इस 10-दिन के मिशन का नेतृत्व वरिष्ठ सांसद शशि थरूर, रवि शंकर प्रसाद, संजय कुमार झा, बैजयंत पांडा, कनिमोझी करुणानिधि, सुप्रिया सुले और श्रीकांत एकनाथ शिंदे करेंगे। यह पहल संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा समन्वित की जा रही है।
बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने बताया कि वे उन देशों का दौरा कर रहे हैं जो भविष्य में UNSC के सदस्य बनने वाले हैं और जिनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव है। सरकार ने ये देश इसलिए चुने हैं क्योंकि पाकिस्तान अगले 17 महीने तक UNSC का सदस्य रहेगा और वह इस मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ झूठी बातें फैलाने के लिए कर सकता है।
सारंगी ने कहा, “जब UNSC में बैठकें होंगी, तब पाकिस्तान अपनी बात रखेगा और भारत के खिलाफ दावे करेगा। इसलिए जरूरी है कि अलग-अलग दलों के सांसद मिलकर उन देशों के राजनीतिक और नौकरशाही प्रतिनिधियों को भारत का पक्ष समझाएं। हम आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के रवैये की कड़ी निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम यह संदेश दें कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार 140 करोड़ लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और आतंकवाद के लिए कोई सहनशीलता नहीं है।”
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए करीब 100 आतंकवादियों को खत्म किया था।
केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष मजबूत करने के लिए सांसदों की विशेष टीमों को 25 देशों में भेजा है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा फैलाए जाने वाले आतंकवाद के झूठे प्रचार का मुकाबला करना है और दुनियाभर में भारत की एकजुटता दिखाना है।









