भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बना Mizoram, साक्षरता दर पहुंची 98.2%

CM लालदुहोमा ने बताया कि NILP कार्यक्रम के तहत 3,026 निरक्षर लोगों की पहचान की गई, जिनमें से 1,692 लोगों ने साक्षरता सीखने की इच्छा जताई।

मिजोरम ने इतिहास रच दिया है और पूरे भारत में पहला ऐसा राज्य बन गया है जो पूरी तरह साक्षर घोषित हुआ है। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने आइजोल में आयोजित कार्यक्रम में यह गर्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित थे।

यह सफलता ULLAS (Understanding of Lifelong Learning for All in Society) और NILP (New India Literacy Programme) के समन्वित प्रयासों से मिली है। मिजोरम ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित 95% के बेंचमार्क को पार करते हुए अब 98.2% साक्षरता दर हासिल कर ली है। 2011 की जनगणना में राज्य की साक्षरता दर 91.33% थी, जो अब तक के निरंतर सुधार का प्रमाण है।

कैसे हासिल हुई यह बड़ी कामयाबी?

मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने बताया कि NILP कार्यक्रम के तहत 3,026 निरक्षर लोगों की पहचान की गई, जिनमें से 1,692 लोगों ने साक्षरता सीखने की इच्छा जताई। 292 स्वयंसेवी शिक्षकों की मदद से निरक्षरता को दूर किया गया। शिक्षकों ने मिजो संस्कृति के “Tlawmngaihna” के मूल्य अपनाए, जिसका अर्थ है निस्वार्थ सेवा और समाज कल्याण।

नए युग की शुरुआत: डिजिटल और वित्तीय शिक्षा पर फोकस

सीएम ने कहा कि यह उपलब्धि केवल शुरुआत है। आगे राज्य डिजिटल, वित्तीय और उद्यमशीलता कौशल को भी अपनी शिक्षा नीति में शामिल करेगा ताकि सभी नागरिकों को समग्र शिक्षा मिल सके। मिजोरम की यह सफलता दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।

मिजोरम का शैक्षिक सफर: 1987 से अब तक

मिजोरम 20 फरवरी 1987 को भारत का 23वां राज्य बना था। 2011 में इसकी साक्षरता दर 91.33% थी जो देश में तीसरे नंबर पर थी। इसके बाद ULLAS और NILP जैसी पहलों के जरिए निरक्षरता को खत्म करने का काम तेज किया गया। राज्य सरकार और समुदाय की सहभागिता ने मिलकर इसे संभव बनाया।

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