
Mobile Cause Cancer: आजकल के डिजिटल युग में मोबाइल फोन का उपयोग लगभग सभी के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। फोन के बिना हम अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से हमारी सेहत पर क्या असर पड़ सकता है? कुछ वर्षों से यह सवाल उठ रहा है कि क्या मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। आइए जानते हैं इस विषय पर डॉक्टरों का क्या कहना है।
मोबाइल फोन और रेडियेशन
मोबाइल फोन में एक प्रकार का रेडियेशन होता है जिसे radiofrequency electromagnetic fields (RF-EMF) कहा जाता है। यह रेडियेशन तब उत्पन्न होता है जब हम मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, जैसे कॉल करने या डेटा ट्रांसफर करने के दौरान। इस रेडियेशन का असर हमारे शरीर पर किस हद तक पड़ता है, इस पर कई शोध और अध्ययन किए गए हैं।
क्या मोबाइल फोन से कैंसर का खतरा है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने इस सवाल पर कई बार अध्ययन किए हैं। 2011 में, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC), जो WHO का हिस्सा है, ने मोबाइल फोन के रेडियेशन को पॉसिबल ह्यूमन कार्सिनोजेन (संभावित मानव कैंसरकारी) के रूप में वर्गीकृत किया था। इसका मतलब यह है कि मोबाइल फोन के रेडियेशन के कारण कैंसर होने की संभावना हो सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से साबित नहीं हुआ है।
डॉक्टरों का क्या कहना है?
डॉक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं जो यह साबित करें कि मोबाइल फोन का उपयोग सीधे कैंसर का कारण बनता है। हालांकि, कुछ डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर यदि यह लंबे समय तक चेहरे के पास रखा जाए।
मोबाइल फोन के रेडियेशन का प्रभाव
- स्मार्टफोन का रेडियेशन और शरीर: मोबाइल फोन के रेडियेशन का शरीर पर असर अधिकतर उस समय होता है जब हम लंबे समय तक फोन से बात करते हैं। यह रेडियेशन शरीर के आसपास के ऊतकों में प्रवेश कर सकता है, और खासकर मस्तिष्क और कान के पास के ऊतकों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, अभी तक वैज्ञानिक अध्ययन से यह साबित नहीं हुआ है कि इससे कैंसर का खतरा सीधे तौर पर बढ़ता है।
- शरीर के तापमान में वृद्धि: लंबे समय तक फोन को कान के पास रखने से शरीर के तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है, लेकिन इस पर भी कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- बालों का झड़ना और नींद में परेशानी: कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग सोने की गुणवत्ता पर असर डाल सकता है और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। हालांकि यह कैंसर से संबंधित नहीं है, लेकिन मोबाइल का अत्यधिक उपयोग अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
क्या करना चाहिए?
हालांकि मोबाइल फोन से कैंसर होने के सबूत नहीं मिले हैं, फिर भी डॉक्टरों का सुझाव है कि कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
- हैंड्स-फ्री का उपयोग करें: फोन से बात करते समय हेडसेट या ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करें, ताकि फोन का संपर्क सीधे आपके शरीर से न हो।
- लंबे समय तक फोन से बात करने से बचें: लंबे समय तक फोन का उपयोग करने से बचें, खासकर जब बात की जा रही हो।
- फोन को शरीर से दूर रखें: फोन को शरीर से दूर रखें और उसे पॉकेट में रखने से बचें।
- वाई-फाई का उपयोग करें: डेटा ट्रांसफर के लिए वाई-फाई का उपयोग करें ताकि मोबाइल नेटवर्क की आवश्यकता न हो।
इस समय यह कहना कि मोबाइल फोन से कैंसर का खतरा बढ़ता है, पूरी तरह से सही नहीं है, क्योंकि इसके बारे में वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं। हालांकि, रेडियेशन के लंबे समय तक संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है। यदि आप मोबाइल फोन का उपयोग सही तरीके से करते हैं, तो इसके स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।