Modi Japan Visit : जापान के साथ ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ को और गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

India Japan Economic Forum 2025. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान दो दिवसीय दौरे के पहले दिन एक नए अध्याय की शुरुआत की। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-जापान के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना, और विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देना था। प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ भारत-जापान आर्थिक मंच में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया।

मोदी ने जापानी भाषा में दी शुभकामनाएं

जापान पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी भाषा में ट्वीट किया,

“मुझे उम्मीद है कि यह यात्रा प्रधानमंत्री इशिबा और अन्य लोगों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने, मौजूदा साझेदारी को और गहरा करने और नए सहयोग की संभावनाओं को तलाशने का अवसर प्रदान करेगी।”

भारत और जापान के बीच साझेदारी पर जोर

भारत-जापान आर्थिक मंच में प्रधानमंत्री मोदी ने जापान को एक तकनीकी महाशक्ति और भारत को प्रतिभा महाशक्ति बताते हुए कहा, “मेट्रो रेल से लेकर विनिर्माण, सेमीकंडक्टर से लेकर स्टार्टअप तक, जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।” उन्होंने इस साझेदारी को भारत की विकास यात्रा में जापान के योगदान के रूप में सराहा।

प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा: सात वर्षों में पहली बार एकल दौरा

यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा लगभग सात वर्षों में पहली एकल जापान यात्रा थी। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय रिश्तों को गहरा करना, और भारत-जापान संबंधों में नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना था।

प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत

टोक्यो पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत एक विशिष्ट तरीके से किया गया। राजस्थानी परिधान पहने जापानी लोगों का समूह पारंपरिक लोकगीत गा रहा था, जबकि एक और समूह ने मोहिनीअट्टम, कथक, भरतनाट्यम और ओडिसी जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए। यह दृश्य भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतीक था।

मोदी ने विकास के विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी पर ज़ोर दिया

विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, नवाचार, हरित ऊर्जा, और कौशल विकास सहित आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कई क्षेत्रों में साझेदारी की वकालत की। उन्होंने कहा दुनिया न केवल भारत को देख रही है, बल्कि उस पर भरोसा भी कर रही है। यह बयान भारत के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बढ़ते प्रभाव को स्पष्ट करता है।

‘मेक-इन-इंडिया’ और नवाचार पर ज़ोर

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल पर बल देते हुए कहा “आइए, मेक-इन-इंडिया करें और दुनिया के लिए बनाएँ। इस पहल का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इसके साथ ही, प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव रखा गया।

हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सहयोग

भारत और जापान के बीच हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने पर भी जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग पर बल दिया। यह पहल जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।

नए सहयोग और साझेदारी की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा ने यह साबित कर दिया कि भारत-जापान संबंधों में केवल व्यापार और निवेश ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस यात्रा के दौरान तय की गई कई योजनाएँ और समझौते भविष्य में दोनों देशों को न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी और करीब लाएंगे।

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