
भोपालः मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम का इंतजार खत्म हो गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक ने मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई है। मध्य प्रदेश में तीन दिसंबर को चुनावी नतीजे आए थे, वहीं इसके आठ दिन बाद पार्टी आलाकमान ने उनका नाम फाइनल कर दिया है। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। यादव जुलाई 2020 से 2023 तक शिक्ष मंत्री रहे और 2013 से लगातार विधायक हैं।
मध्यप्रदेश के सीएम होंगे मोहन यादव, जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला बनेंगे डिप्टी सीएम, नरेंद्र तोमर होंगे विधानसभा अध्यक्ष। केंद्रीय पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा भी बैठक में शामिल थे।
एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने काफी संघर्ष के बाद राजनीति में मुकाम हासिल किया है। छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोहन यादव बीजेपी के स्थापित नेता हैं, उज्जैन संभाग के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है।
मोहन यादव 2 जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। उनको उच्च शिक्षा मंत्री का कामकाज सौंपा गया था. यादव की छवि हिंदुवादी नेता की रही है। 25 मार्च 1965 को उज्जैन में जन्मे मोहन यादव ने विक्रम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
भाजपा ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा ने चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर किसी को पेश नहीं किया था और एक तरह से पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर टिका था। मध्य प्रदेश में भाजपा दो दशक में पांचवीं बार सरकार बनाने जा रही है।इससे पहले वह 2003, 2008, 2013 और 2020 में राज्य में सत्ता में आई थी।









