उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा कर रहे हैं। माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति का एक अलग ही ऐतिहासिक महत्व रहा है। दरअसल, कनाडा से 15 अक्टूबर को बरामद की गयी यह प्रतिमा 100 साल पहले वाराणसी से चोरी हो गयी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने 11 नवंबर को मंत्रोच्चार के बीच एक धार्मिक समारोह के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से पत्थर की मूर्ति प्राप्त की। .
प्रतिमा के वाराणसी आगमन के साथ ही रविवार रात मां अन्नपूर्णा की चार दिवसीय ‘शोभा यात्रा’ का समापन हो गया। यात्रा के दौरान अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंचने से पहले कासगंज, कानपुर, अयोध्या समेत कई जगहों पर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का धूमधाम से स्वागत किया गया। मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को लाल रंग का लहंगा पहनाया गया था जबकि सिर पर चांदी की छतरी रखी गई थी। दिल्ली से काशी विश्वनाथ मंदिर तक की 800 किलोमीटर की यात्रा के दौरान मूर्ति एक भव्य लकड़ी के सिंहासन पर बैठी थी।
मां अन्नपूर्णा को भोजन और पोषण की देवी माना जाता है। मूर्ति की ऊंचाई 17 सेमी, चौड़ाई 9 सेमी और मोटाई 4 सेमी है। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा समय जनसैलाब उमड़ा रहा। लोगों के पुष्पवर्षा और पुजारियों व संतो के मंत्रोच्चार के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने मूर्ति का सबसे पहले पूजा-अर्चना किया और फिर श्रद्धामयी माहौल में ध्यानपूर्वक प्रतिमा की पुनर्स्थापना कर रहे हैं।