बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन, मोहम्मद यूनुस ने ली शपथ, पीएम मोदी ने शुभकामनाएं देते हुए हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की

अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में ईरान, अर्जेंटीना, कतर, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, जापान, चीन, ब्रिटेन और फिलीपींस के डिप्लोमैट मौजूद रहे।

बांग्लादेश में अराजकता माहौल बना हुआ है। हिंसक प्रदर्शन और आगजनी के बीच नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में गुरूवार को शपथ ले ली है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार में मोहम्मद यूनुस समेत शामिल अन्य सदस्यों को राष्ट्रपति भवन में गोपनीयता की शपथ दिलाई। आपको बता दें अंतिरम सरकार में कुल 16 लोगों ने गोपनीयता की शपथ ली है, जिसमें 2 हिंदुओ समेत 2 महिला भी शामिल हैं।

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में मोहम्मद यूनुस खान को चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं दी है। इस दौरान उन्होंने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस खान को नई जिम्मेदारी संभालने पर शुभकामनाएं। साथ ही लिखा कि आशा करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी, जिससे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

2 हिंदू भी शामिल

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में 2 हिंदू भी मौजूद हैं, जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड हॉस्पिटल के मनोचिकित्सा विभाग के निदेशक प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय और चटगांव हिल ट्रैक्ट्स डेवलपमेंट बोर्ड (सीएचटीडीबी) के चेयरमैन सुप्रदीप चकमा को शामिल हैं। इसके अलावा दो महिला BELA की सीईओ साइदा रिजवाना हसन और महिला कार्यकर्ता फरीदा अख्तर शामिल हैं।

ये डिप्लोमैट रहे मौजूद

अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में ईरान, अर्जेंटीना, कतर, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, जापान, चीन, ब्रिटेन और फिलीपींस के डिप्लोमैट मौजूद रहे। लेकिन खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में आवामी लीग का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं रहा।

सोमवार को हुआ था तख्तापलट

गौरतलब है कि बीते सोमवार को तख्तापलट हो गया था। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश छोड़कर चली गई थी। जिसके बाद उनके 15 साल की सत्ता खत्म हो गया। ऐसे में 17 साल बाद एक बार फिर बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है।

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