सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार अपने एक आदेश में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को को अपना ठिकाना बताने को कहा। दरअसल, मुंबई के एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को परमबीर सिंह और शहर के कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के एक मामले में सुनवाई करते हुए सिंह को भगोड़ा घोषित किया था।
परमबीर सिंह वर्तमान में होम गार्ड्स के महानिदेशक के रूप में तैनात थे। आखिरी बार मई में उन्होंने अपने कार्यालय में भाग लिया था, जिसके बाद वह छुट्टी पर चले गए थे। राज्य पुलिस ने अक्टूबर में बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि अब तक उनके ठिकाने का पता नहीं चल सका है। बता दें कि परमबीर सिंह ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
अदालत ने उनके वकील से कहा कि सिंह की याचिका पर तभी सुनवाई होगी जब वह यह बताएंगे कि वह देश या दुनिया के किस हिस्से में हैं। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख तय की है। मुंबई में यह पहला मामला है जब किसी पुलिस कमिश्नर को भगोड़ा घोषित किया गया है। 59 वर्षीय परमबीर सिंह शहर के 43वें पुलिस आयुक्त थे।
गौरतलब हो कि परमबीर सिंह के खिलाफ हो रही कार्रवाई एक रियल एस्टेट डेवलपर और होटल व्यवसायी द्वारा दर्ज कराई गयी जबरन वसूली शिकायत पर आधारित है। सिंह के खिलाफ इस सम्बन्ध में कई मामले दर्ज हैं। मुख्य प्राथमिकी में दावा किया गया था कि जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच रियल एस्टेट डेवलपर और होटल व्यवसायी से जबरन वसूली की गयी थी।
इस पुरे मामले में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर भाजीपले ने भी सिंह को मामले के सिलसिले में 30 दिनों में अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। यदि वह पेश होने में विफल रहते हैं तो पुलिस दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।