
वाराणसी: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं से भारत में आक्रोश व्याप्त है। हिंदूवादी संगठन लगातार सड़क पर उतरकर बांग्लादेश की घटनाओं का विरोध कर रहे हैं। इसके बीच धर्म की नगरी काशी में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से आहत होकर एक मुस्लिम युवक ने ऐसा कदम उठाया जिसे देखकर हर कोई हैरान है। दरअसल वाराणसी के अस्सी घाट पर असद खान नामक युवक ने अपने धर्म को परिवर्तित कर सनातन धर्म अपना लिया। मां गंगा के बीच काशी के ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान से असद खान को घर वापसी करवाया। असद खान का शुद्धिकरण कर ब्राह्मणों ने युवक का नाम अथर्व त्यागी किया। असद खान से अथर्व त्यागी बने युवक सनातन धर्म अपनाकर काफी खुश है। हर हर महादेव और जय श्री राम के उद्घोष के साथ असद ने अथर्व के रूप में घर वापसी किया।

असद खान को बचपन से आकर्षित कर रहा था सनातन, बांग्लादेश की घटना ने दिल को झकझोरा
मध्य प्रदेश के सागर जनपद के रहने वाले असद खान अब अथर्व त्यागी बन चुके है। अथर्व त्यागी बचपन से ही सनातन के प्रति आस्था रखते थे। अथर्व बताते है कि विगत कुछ दिनों से बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुस्लिमों के द्वारा हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया। उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपने पूर्वजों के धर्म में वापस आएंगे। ऐसे में उनकी मिलकर काशी के ब्राह्मण योगी आलोक से हुई और उन्हें अपने अंदर की व्यथा को बताया। योगी आलोक ने उन्हें घर वापसी का रस्ता बताया और इसके लिए सबसे उचित स्थान धर्म की नगरी काशी को चुना। बता दें कि असद खान सागर नगर निगम में ठेकेदार है और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है।

21 ब्राह्मणों ने असद का शुद्धिकरण कर सनातन धर्म में करवाया घर वापसी
वाराणसी में मां गंगा की लहरों के बीच काशी के 21 ब्राह्मणों ने असद खान को घर वापसी से पहले शुद्धिकरण करवाया। वैदिक मंत्री के बीच असद खान का नामकरण अथर्व त्यागी किया गया। अथर्व ने जय श्री राम और हर हर महादेव के उद्घोष के बीच अथर्व त्यागी ने हवन पूजन किया। असद खान से अथर्व बने युवक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सनातन धर्म में वापसी का फैसला किसी दबाव में नहीं, बल्कि पूरी तरह अपनी इच्छा और आस्था के आधार पर लिया है। मध्य प्रदेश के सागर से बनारस तक आस्था का यह सफर अब चर्चा का विषय बना हुआ है। अथर्व त्यागी का कहना है कि यह उनके आत्मविश्वास और विश्वास का फैसला है।









