AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी की उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित बझेडी गांव में बुधवार को एक जनसभा तय थी। ओवैसी सभा स्थल पर पहुंचने से पहले खालापार स्थित समाजसेवी हाजी समीम के निवास पर पहुंचे। यहां मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वो पेगसस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। उनका मानना है कि लोगों की इस तरीके से निगरानी करना गलत है। यह संविधान प्रदत्त मूल अधिकारों का उल्लंघन है जो खत्म होना चाहिए। ओवैसी ने आगे कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि कोर्ट द्वारा गठित कमेटी सच को सामने लाएगी।
ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के बारे में बोलते हुए कहा कि उनकी तैयारी और पूरी कोशिस इसी बात को लेकर चल रही है कि उत्तर प्रदेश में दोबारा बीजेपी की सरकार ना बने और खास तौर पर योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री ना बने। अपने इस कार्यक्रम के बाद ओवैसी सभास्थल पर पहुंचे और सभा को सम्बोधित करते हुए राजनैतिक भाषणबाजी की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की योगी सरकर और भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा।
मुजफ्फरनगर की अपनी जनसभा को सम्बोधित करते हुए ओवैसी ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे की याद दिलाई। मंच से सम्बोधन करते हुए उन्होंने कहा, “मै जब यहां आ रहा था तब उन लोगो ने मुझसे फोन कर कहा कि आप मुज़फ्फरनगर जा रहे हैं, आप अपने भाषण में मुजफ्फरनगर फसाद का ज़िक्र मत करना,आप भड़काऊ भाषण मत दीजियेगा।” मैं आपको बता दूं कि यही इन लोगो की सोच है। ये ही लोगो दिल्ली लखनऊ में बैठकर गरीब मुस्लमानो का सौदा करते है। अरे, नाइंसाफी का जिक्र क्यों नहीं करना चाहिए। मैं मेरठ, हाशिमपुरा, मुज़फ्फरनगर और मलियाला फसाद का जिक्र वोट हासिल करने के लिए नहीं कर रहा हूं। इस फसाद का जिक्र मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि नाइंसाफी को कभी भूलना नहीं चाहिए, जब आप नाइंसाफी को भूल जायेंगे तो दोबारा नाइंसाफी होगी। आप नाइंसाफियों के जख्म को याद रखना।
#Muzaffarnagar
— भारत समाचार (@bstvlive) October 27, 2021
➡AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का क्रिकेट पर बयान:-
➡पाक से मैच का PM ने खेलने से मना किया-ओवैसी
➡बॉर्डर पर हमारे जवानों को आतंकवादी मार रहे-ओवैसी
➡हिंदुस्तान-पाकिस्तान के मैच में सियासत हुई-ओवैसी।
उन्होंने आगे कहा कि आप ये भी जानते हैं कि यहीं मुज़फ्फरनगर में CAA और NRC को लेकर प्रदर्शन हुआ था। मैं आप सबका शुक्रिया अदा करता हूं आपको सलाम करता हूं कि जिस बेबाकी और बहादुरी के साथ आपने इसका विरोध किया था वह काबिले तारीफ है।
ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच पर भी बयान दे डाला। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान का मैच हुआ था मैंने तो मोदी जी से कहा था, आपको ये मैच नहीं खेलना चाहिए। आप ये मैच इसलिए मत खेलो क्योंकि पकिस्तान से आतंकवादी कश्मीर में आकर वहां के नागरिको को गोली मार रहे है। आतंकियों ने 9 सिपाहीयों को मार दिया, मगर मैच हुआ।” उन्होंने आगे कहा कि क्रिकेट महज एक खेल है जिसमें 11 खिलाडी एक टीम से खेलते है। अगर भारत बदक़िस्मती से मैच हार गया, तो क्या एक खिलाडी शमी ही इसका जिम्मेदार था। टीम तो 11 लोगो की थी, मगर केवल शमी पर इसकी जिम्मेदारी डाल देना की उसकी वजह से टीम हार गई, यही तो मुस्लमानो से नफ़रत है। जिसको आपको समझने की जरुरत है। शमी को गाली देने वालो को हम कहेगे की शमी जैसा बॉलर कभी नहीं मिलेगा।
ओवैसी ने एक बार फिर मुजफ्फरनगर दंगे की तरफ ईशारा करते हुए कहा कि दंगे के समय सपा की सरकार थी और करीब 70 मुस्लमान चुनाव जीत कर आये थे। अगर 70 मुसलमान एमएलए के रहते मुजफ्फरनगर में फसाद नही रुक पाया और मुसलामानों को इंसाफ नहीं मिल सका तो आपको यह बात समझने की जरुरत है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने उनकी जुबां पर ताला लगा दिया था।