
उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने रूट फिट तय कर दिया। कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी ने बड़ा आदेश जारी किया है। सीएम योगी ने जारी आदेश में कहा कांवड़ मार्गों पर दुकानदारों को खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदार का नाम लिखना होगा। कांवड़ मार्गों पर दुकानों पर मालिक का नाम और पहचान भी लिखना होगा और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर होगी कार्रवाई होगी। सीएम योगी ने कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए फैसला।
लखनऊ
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) July 19, 2024
CM योगी ने कांवड यात्रियों के लिए उठाया कदम-
पूरे यूपी में कांवड मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा,
कांवड यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए लिया गया फैसला,
हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी होगी कार्रवाई !!… pic.twitter.com/utSgKSkwZZ
दरअसल हिंदुओं का पवित्र महीना सावन इस महीने के 22 तारीख से शुरू होने जा रहा है। इस महीने में हिंदू श्रद्धालु कांवड़ यात्रा करके भगवान भोले नाथ के दरबार में जल अर्पित करते हैं। कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 18 जुलाई को एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ढाबों, होटलों व ठेलों पर प्रोपराइटर और संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिए हैं। लेकिन शाम तक मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा वापस ले गया था। अब सीएम योगी ने आदेश जारी किया कि कांवड़ मार्गों पर दुकानों पर मालिक का नाम और पहचान लिखना होगा।
ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं : अखिलेश यादव
मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान के मामले पर कल से ही राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमला बोला था। अखिलेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “सभी दुकानदारों को अपना नाम लिखने का निर्देश दिया गया है और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? उन्होंने कहा कि कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले : मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर लिखा, “पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।” उन्होंने आगे लिखा, “इसी प्रकार, यूपी के संभल जिला प्रशासन द्वारा बेसिक सरकारी स्कूलों में शिक्षक व छात्रों को कक्षा में जूते-चप्पल उतार कर जाने का यह अनुचित आदेश भी काफी चर्चा में है। इस मामले में भी सरकार तुरन्त ध्यान दे।”
हैदराबाद से लोकसभा सांसद और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन खड़ा किया ?
हैदराबाद से लोकसभा सांसद और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ने भी इस मामले पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा है, “उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई काँवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘Judenboycott’ था।”









