नमो ड्रोन दीदी योजना (NDDY): महिलाओं के लिए एक नई पहल

घरेलू रूप से विकास कर रहे हैं, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है। इसके साथ ही भारत को ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का एक नया रास्ता
नमो ड्रोन दीदी योजना (NDDY) मोदी सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जो महिला-संप्रभित स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन प्रौद्योगिकी से सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत 15,000 चयनित महिलाओं को कृषि कार्यों के लिए ड्रोन दिए जाएंगे, जिससे उन्हें सालाना कम से कम 1 लाख रुपये अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर मिलेगा। इस प्रक्रिया में ये महिलाएं “ड्रोन दीदी” या “लखपति दीदी” बनकर आर्थिक सशक्तिकरण और सतत आजीविका सृजन में योगदान करेंगी।

योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं
इस योजना में ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत, जो कि अधिकतम 8 लाख रुपये तक है, एक सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा, 3 प्रतिशत ब्याज दर पर कम ब्याज वाले ऋण और ड्रोन पायलट प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण महिलाओं को फसल निगरानी, मृदा विश्लेषण, और सटीक कृषि कार्यों को अधिक प्रभावी तरीके से करने में सक्षम बनाएगा। ड्रोन में आधुनिक GPS और सेंसर प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा, जो खेतों पर सटीक मार्ग से उड़ान भरकर समान और लक्षित अनुप्रयोग सुनिश्चित करेगा। इससे रासायनिक सामग्री का अत्यधिक उपयोग कम होगा और पर्यावरण पर असर भी घटेगा।

कृषि में ड्रोन का योगदान
ड्रोन कृषि में कार्यकुशलता और सुरक्षा को बेहतर बनाते हैं। ये पालतू विमान (UAVs) पारंपरिक तरीके से हाथ से कीटनाशक और उर्वरक छिड़कने की तुलना में जोखिम कम करते हैं। साथ ही, ये कृषि उत्पादकता में सुधार करते हैं, संचालन लागत घटाते हैं, किसानों को लाभ पहुंचाते हैं और सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देते हैं।

भारत में ड्रोन उद्योग का विकास
भारत में ड्रोन उद्योग ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। अगस्त 2021 से फरवरी 2022 के बीच ड्रोन स्टार्टअप्स की संख्या में 34.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। IdeaForge ने महत्वपूर्ण ड्रोन घटकों में 70 प्रतिशत स्थानीयकरण हासिल किया है और 550,000 सफल UAV उड़ानें पूरी की हैं। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को भी सरलता से ड्रोन अनुमोदन और पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बनाया गया है।

महिला सशक्तिकरण के लिए सहयोग
STREE (Social and Transformative Rural Economic Empowerment) कार्यक्रम के तहत, Grant Thornton Bharat और HDFC बैंक की साझेदारी से महिलाओं को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं को सशक्त बनाता है और इनकी मदद से कृषि क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में काम कर रहा है।

नमो ड्रोन दीदी योजना के आर्थिक लाभ
इस योजना के माध्यम से महिलाएं प्रति एकड़ 1,700 रुपये का लाभ प्राप्त कर सकती हैं, साथ ही फसल की उपज में 5 से 8 प्रतिशत की वृद्धि और इनपुट लागत में 11 से 13 प्रतिशत की कमी का अनुमान है। इससे श्रमिक लागत में भी 600 से 800 रुपये प्रति एकड़ की कमी आएगी।

कृषि-टेक में भारत की वृद्धि का मार्ग
“मेक इन इंडिया” जैसी सरकारी पहलों से ड्रोन निर्माण व्यवसायों को बढ़ावा मिल रहा है। भारतीय ड्रोन निर्माण स्टार्टअप्स अब हर घटक का घरेलू रूप से विकास कर रहे हैं, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है। इसके साथ ही भारत को ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

ड्रोन उद्योग में भारत का भविष्य
भारत में ड्रोन उद्योग में विकास की संभावना बहुत अधिक है। सरकारी योजनाएं जैसे “ड्रोन शक्ति योजना” और “ड्रोन नियम 2021” ने ड्रोन उद्योग को विस्तार और विकास के लिए एक मजबूत नींव प्रदान की है। इन योजनाओं के तहत, भारत अगले कुछ वर्षों में ड्रोन के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर सकता है।

Related Articles

Back to top button