‘संजय राउत’ एक ऐसा नाम जो बीते कई दशकों से महाराष्ट्र की सियासत में सक्रिय है और इन दिनों काफ़ी सुर्खियों में है। सुर्खियों में होने का कारण है उन पर हुई ईडी की अबतक की सबसे बड़ी कार्यवाही। एक हजार करोड़ से ज्यादा के पात्रा चाॅल घोटाले से जुड़े मनी लाॅनड्रिंग के मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। संजय राउत कि गिरफ्तारी करने से पूर्व आयकर विभाग ने उनके तीन ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। बेशक संजय राउत आज के दौर में महाराष्ट्र की सियासत का बड़ा नाम हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी जमाने में संजय राउत का पत्रकारिता क्षेत्र में भी जलवा रह चुका है।
बात है 80 के दशक की जब संजय राउत ने लोकसभा पत्रिका से अपने करियर की शुरूआत की थी। उनकी पहचान एक बड़े क्राइम रिपोर्टर की तरह होती थी। उन्हें अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग का एक्सपर्ट माना जाता था। दाउद इब्राहिम, छोटा राजन समेत कई अंडरवर्ल्ड पर उनके द्वारा लिखे गए आर्टिकल्स ने खूब सुर्खियां बटोरी और लंबे समय तक पाठकों के दिल पर राज भी किया। पत्रकारिता क्षेत्र में संजय राउत का बड़ा नाम होता गया और बालासाहेब की नजरों में आ गया। इसी बीच संजय राउत की मातोश्री से नजदीकियां बढ़ती गई। शिवसेना प्रमुख ने उन्हें 29 की उम्र मेें शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ का संपादक बना दिया। बालासाहेब के निधन के बाद उनकी उद्धव ठाकरे से नजदीकियां बढ़ती गई। जब 2019 में शिवसेना ने कांगेस व एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, तबसे संजय राउत को शिवसेना का ‘थिंक टैंक’ कहा जाने लगा।
अंडरवर्ल्ड को भी लगा चुके हैं फटकार: संजय राउत एक बड़े क्राइम रिपोर्टर होने के बावजूद कभी चौकी-थाने पर नहीं गए। पुलिस अधिकारियों से उनकी न के बराबर मुलाकात होती थी।
कहा जाता है कि दाउद इब्राहिम संजय राउत को खबरे देने के लिए एक्सप्रेस टावर पर आया करता था और कैन्टीन में बैठकर दोनों काफी देर तक बातचीत भी करते थे। वर्ष 2020 में एक कार्यक्रम के दौरान संजय राउत ने खुद यह स्वीकार किया था कि उनकी दाउद से मुलाकात हुई है, उन्होंने कहा कि दाउद को मैंने देखा है, उससे बात भी की है, एक बार तो मैंनै दाउद को फटकार भी लगाई थी।