
वाराणसी। नक्सलियों के खिलाफ झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में तबतोड कार्रवाई किया जा रहा है। पुलिस और जवानों की कार्रवाई में बड़ी संख्या में नक्सली गिरफ्तार हो रहे है। इन सबके बीच पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नक्सली से जुड़ी बड़ी लापरवाही सामने आया है। झारखंड में पुलिस मुठभेड़ में घायल एक नक्सली फरार होकर वाराणसी के निजी अस्पताल में ईलाज करता हुआ पाया गया है। गुपचुप तरीके से निजी अस्पताल में हो रहे नक्सली के ईलाज की सूचना पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस में हड़कंप मच गया। आनन – फानन में पुलिस ने अस्पताल का पता लगाया और नक्सली को अपने कस्टडी में ले लिया। इस पूरे प्रकरण में अस्पताल की लापरवाही खुलकर सामने आई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार विगत तीन दिनों से अस्पताल प्रशासन ने नक्सली की ईलाज की सूचना दिए बगैर ही ईलाज किया जा रहा था। ऐसे में अब पुलिस नक्सली को अपने कस्टडी में लेकर अस्पताल की संलिप्तता की जांच में जुट गई है। वही झारखंड पुलिस के अनुसार वाराणसी में ईलाज करवा रहे नक्सलियों के जोनल कमांडर गौतम यादव पर 5 लाख रुपए का ईनाम घोषित है।

झारखंड पुलिस और TSPC के बीच हुआ था मुठभेड़, भरी मात्रा में मिले थे नक्सल सामग्री
वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में स्थित साईं मेडिसिटी अस्पताल में छिपकर ईलाज करवाने वाले नक्सली की पहचान TSPC ( नक्सल संगठन) के जोनल कमांडर मिथिलेश उर्फ गौतम यादव के रूप में हुई है। झारखंड के पलामू जनपद के जंगल में गुप्त सूचना पर 17 मई को पहुंची झारखंड पुलिस पर करीब 10 की संख्या में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बनाने के लिए बैठक कर रहे नक्सलियों ने फायरिंग कर दी थी। वही पुलिस की जवाबी कार्रवाई में कई नक्सली घायल अवस्था में फरार हो गए। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को मौके से कई हथियार और नक्सल सामग्रियां मिली। पुलिस मुठभेड़ में घायल जोनल कमांडर झारखंड से अपने करीब 5 साथियों की मदद से वाराणसी पहुंचा। 19 मई को लंका क्षेत्र के नरिया में स्थित अस्पताल में अपना ईलाज करवा रहा था। जोनल कमांडर गौतम यादव को मुठभेड़ में चार गोलियां लगी थी, जो सीने से पार कर गई थी। जोनल कमांडर का ईलाज अस्पताल के ICU वार्ड में गुपचुप तरीके किया जा रहा था।

झारखंड पुलिस की सूचना पर हरकत में आया वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस, अस्पताल की संलिप्तता पर उठे सवाल
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को 20 मई को झारखंड पुलिस ने सूचना दिया। नक्सली के द्वारा छिपाकर ईलाज करवाए जाने की सूचना पर पुलिस हरकत में आई। पुलिस की टीम आनन – फानन में अस्पताल पहुंची, जहां नक्सली गौतम का ईलाज चल रहा था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस को देखते ही नक्सली के साथ आए लोग मौके से फरार हो गए। वही लंका थाना क्षेत्र की पुलिस टीम ने नक्सली को अपने कस्टडी में लेकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी। वही इस पूरे मामले में अस्पताल की संलिप्तता सामने आ रही है। बिना लोकल पुलिस को सूचना दिए घायल नक्सली का दो दिनों तक ईलाज किए जाने पर पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से पूछताछ किया। पुलिस ने इसे लेकर CMO को भी अस्पताल की जांच के लिए एक पत्र लिखा है। फिलहाल मुठभेड़ में घायल नक्सली का पुलिस कस्टडी में इलाज चल रहा है। वही CMO संदीप चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संदीप चौधरी मीटिंग का हवाला देकर मीडिया से फिलहाल बचते नजर आए।









