भारतीय नौसेना को मिलेगा राफेल-M का साथ, चीन को जवाब देने की तैयारी

रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा। INS विक्रांत पर राफेल-M की तैनाती से भारत को एयर-सुपीरियरिटी, सटीक हमले और तेज प्रतिक्रिया क्षमताएं मिलेंगी।

फ्रांसीसी राफेल-M लड़ाकू विमान से भारतीय नौसेना को मिलेगी नई ताकत

फ्रांस में निर्मित राफेल-मरीन (Rafale-M) बहुउद्देश्यीय फाइटर जेट्स ने दुनियाभर के कई संघर्ष क्षेत्रों में अपनी ताकत साबित की है। अब ये जेट भारतीय नौसेना की क्षमताओं में बड़ा इज़ाफा करने जा रहे हैं, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की बढ़ती मौजूदगी को संतुलित करने के लिहाज़ से।

INS विक्रांत पर तैनात होंगे 26 राफेल-M, ₹64,000 करोड़ की डील को मिली मंज़ूरी

मोदी सरकार ने ₹64,000 करोड़ की डील को हरी झंडी दी है, जिसके तहत भारत फ्रांस से 26 राफेल-मरीन जेट खरीदेगा। इन विमानों को भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा, जिसे सितंबर 2022 में नौसेना में शामिल किया गया था।

हिंद महासागर में चीन की चुनौती से निपटने के लिए बड़ा कदम

यह कदम भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच यह सौदा रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा। INS विक्रांत पर राफेल-M की तैनाती से भारत को एयर-सुपीरियरिटी, सटीक हमले और तेज प्रतिक्रिया क्षमताएं मिलेंगी।

राफेल-M की विशेषताएं

  • मल्टीरोल क्षमता: हवाई मुकाबला, समुद्री निगरानी और हमला
  • समुद्री परिस्थितियों में ऑपरेशन की दक्षता
  • अत्याधुनिक रडार और मिसाइल सिस्टम
  • लम्बी रेंज और भारी हथियार ले जाने की क्षमता

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