आयुष कॉलेजों में अवैध एडमिशन का मामला : हाईकोर्ट ने CBI जांच के दिए आदेश, मंत्री-अफसर लपेटे में…

इसके बाद लखनऊ हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने आयुष विद्यालयों में फर्जी एडमीशन मामले की तह तक पहुंचने के लिए CBI जांच के आदेश दे दिए. बता दें कि उत्तर प्रदेश के आयुष विद्यालयों में प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा देनी पड़ती है जिसमें प्राप्तांक के आधार पर कालेजों का आवंटन किया जाता है. लेकिन साल 2021-22 नीट प्रवेश परीक्षा के दौरान यूपी के आयुष विद्यालयों में बैकडोर से एडमिशन दे दिया गया.

नीट परीक्षा घोटाले को लेकर गुरूवार को बड़ी खबर सामने आई. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आयुष कॉलेज में फर्जी प्रवेश की जांच CBI से कराने का आदेश दिया है. पूरे मामले की जद में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी का नाम सामने आ रहा है. इनके अलावा अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी भी इस मामले में फंसे नजर आ रहे हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं. दरअसल, आयुष विद्यालयों में प्रवेश को लेकर हुई धांधली के संबंध में प्रदेश सरकार ने जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया था. इस मामले में एसटीएफ ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रखी जिससे अदालत संतुष्ट नहीं हुई.

इसके बाद लखनऊ हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने आयुष विद्यालयों में फर्जी एडमीशन मामले की तह तक पहुंचने के लिए CBI जांच के आदेश दे दिए. बता दें कि उत्तर प्रदेश के आयुष विद्यालयों में प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा देनी पड़ती है जिसमें प्राप्तांक के आधार पर कालेजों का आवंटन किया जाता है. लेकिन साल 2021-22 नीट प्रवेश परीक्षा के दौरान यूपी के आयुष विद्यालयों में बैकडोर से एडमिशन दे दिया गया.

यह भी जानकारी सामने आई है कि बिना नीट परीक्षा दिए भी कई अभ्यर्थियों का आयुष विद्यालयों में दाखिला करा दिया गया. प्रत्येक सीट पांच-पांच लाख रुपयों में बेचें जाने की भी बात सामने आई है. जिस दौरान ये मामला प्रकाश में आया था, धर्मसिंह सैनी मंत्री थे और प्रशांत त्रिवेदी एसीएस आयुष के पद पर तैनात थे.

वर्तमान में प्रशांत त्रिवेदी अपर मुख्य सचिव वित्त का पदभार संभाल रहे हैं. बहरहाल, मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. गुरूवार को यूपी एसटीएफ की जांच रिपोर्ट से अदालत संतुष्ट नहीं थी और फौरन सीबीआई जांच के आदेश दिए.

Related Articles

Back to top button