NEET-PG कोर्स में ऑल इंडिया कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( EWS) के लिए आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। केंद्र सरकार ने कहा कि NEET-PG में वर्तमान सत्र के लिए EWS कोटे में 8 लाख रुपये तक की आय के मापदंड में बदलाव नहीं करेगी। केंद्र सरकार ने दाखिलों के लिए काउंसिलिंग कराने की इजाजत मांग किया।
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि वह इस साल 8 लाख आय वर्ग वाले छात्रों को ही EWS के तहत दाखला देना चाहती है क्योंकि दाखिला प्रक्रिया का पहला चरण परीक्षा के साथ पूरा हो गया है। अब बीच प्रक्रिया में EWS के मापदंड में बदलाव करना पेचीदगी बढ़ाने वाला कदम होगा। केंद्र सरकार ने कहा कि अगले सत्र से ईडब्ल्यूएस के मापदंडों में बदलाव किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस साल तो वह 8 लाख आयु वर्ग वाले अभ्यर्थियों को नीत पीजी कोर्स में दाखिला देना चाहते हैं कोर्ट से कम से कम 1 साल के लिए इसे मंजूरी दे दे ताकि नीट पीजी काउंसलिंग को शुरू किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि कमेटी ने भविष्य के लिए सुझाव दिया है कि देश को ठेके लाभ के परिवार की 8 लाख तक सालाना आय के साथ उन परिवारों के उम्मीदवारों को भी शामिल किया जाए जिनके पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 25 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि 8 लाख सालाना आय तक की सीमा तय करने पर उठाए गए सवालों को लेकर एक्सपर्ट कमेटी बनाएगा जो 1 महीने के अंदर अपनी सिफारिश जाएगी फिर नीत पीजी काउंसलिंग कराई जाएगी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने NEET PG काउंसलिंग पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में मामले की 6 जनवरी को सुनवाई होनी है।