NEET-PG परीक्षा को स्थगित करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा – ”चीजों को वहीं रहने दो जहां हैं…”

पीठ ने डॉक्टरों के एक समूह द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया. डॉक्टरों के मुताबिक, चूंकि काउंसलिंग अगस्त में ही होगी, इसलिए नीट-पीजी परीक्षा को और छह सप्ताह के लिए टाल दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें तैयारी के लिए और समय दिया जा सके.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च को होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्ट-ग्रेजुएट (NEET-PG) परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया है. अपने ऑब्जरवेशन में अदालत ने कहा कि कोर्ट इस पूरी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है क्योंकि कई उम्मीदवारों के लिए परिणाम अनिश्चित हैं.

मामले को लेकर शीर्ष अदालत की जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने कहा, ”चीजों को वहीं रहने दो जहां हैं. इस दुनिया में कुछ भी किसी को फिर से प्रयास करने से नहीं रोकता. यह एक विकासवादी प्रक्रिया है. कभी-कभी यह गलत हो सकता है. हम इसे झूठ ही रहने देना चाहेंगे.”

पीठ ने डॉक्टरों के एक समूह द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें एक संशोधित इंटर्नशिप कार्यक्रम के मद्देनजर NEET-PG परीक्षा को स्थगित करने का अनुरोध किया गया था. इस कार्यक्रम के तहत डॉक्टरों को एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करने के लिए जुलाई तक का समय मिल जाएगा.

डॉक्टरों के मुताबिक, चूंकि काउंसलिंग अगस्त में ही होगी, इसलिए नीट-पीजी परीक्षा को और छह सप्ताह के लिए टाल दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें तैयारी के लिए और समय दिया जा सके. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन और विवेक तन्खा पेश हुए. NEET-PG चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और दंत चिकित्सा में विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा है.

हालांकि केंद्र ने इस याचिका का विरोध किया था. केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सभी प्रशासनिक व्यवस्था पहले से ही मौजूद हैं और निकट भविष्य में परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रौद्योगिकी भागीदार के पास कोई अन्य तारीख उपलब्ध नहीं है.

उन्होंने यह रेखांकित करते हुए कि बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में बैठने के लिए तैयार थे, कहा कि “कृपया, विचार करें कि हम महामारी के कारण दो साल पहले के कैलेंडर को पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं. पहली विंडो में करीब 203,000 छात्रों ने आवेदन किया था. इंटर्नशिप की समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद केवल 6,000 छात्रों ने आवेदन किया था.”

वरिष्ठ विधि अधिकारी ने पीठ को यह भी बताया कि अगस्त की तारीख का इंतजार किए बिना काउंसलिंग 15 जुलाई से शुरू होने की संभावना है. “बाकी को अनंतिम रूप से भाग लेने की अनुमति दी जाएगी और मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा.” ASG की दलीलों से संतुष्ट होकर पीठ ने मौजूदा कार्यक्रम को बरकरार रखते हुए याचिकाओं को खारिज करने का फैसला किया.

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