जानिए, नेताजी की वह इच्छा जो रह गई अधूरी, दिवंगत मुलायम सिंह यादव का यह सपना नहीं हो सका पूरा…

नेताजी की यह इच्छा थी कि वो अपने जीवन के अंतिम दिन अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव सैफई में बिताएं. हालांकि बीते कुछ महीनों पहले जब उनकी दूसरी पत्नी साधना यादव का निधन हुआ तब से ही उनकी तबियत नासाज चलने लगी.

अखिलेश यादव ने मंगलवार को मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. इसके साथ ही उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ. बताया जा रहा है कि नेताजी की यह इच्छा थी कि वो अपने जीवन के अंतिम दिन अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव सैफई में बिताएं. हालांकि बीते कुछ महीनों पहले जब उनकी दूसरी पत्नी साधना यादव का निधन हुआ तब से ही उनकी तबियत नासाज चलने लगी.

चूंकि, सैफई में अपेक्षाकृत उस स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी इसलिए नेताजी के स्वास्थ्य को लेकर उनके परिवार ने उन्हें दिल्ली शिफ्ट कर दिया ताकि उनका बेहतर इलाज हो सके. पिछले कई महीनों से दिवंगत मुलायम सिंह यादव दिल्ली में ही मौजूद थे. वहां उनका रूटीन चेकअप भी चलता था. बाद में तबियत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती करा दिया गया. जहां बीते 10 अक्टूबर को उन्होंने इस नश्वर संसार को अलविदा कह दिया.

बहरहाल, उनके निधन के साथ ही सैफई में अपने जीवन के आखिरी दिन परिवार के साथ बिताने की उनकी आखिरी इच्छा अधूरी रह गई. कुदरत को कुछ और ही मंजूर था और अन्तोगत्वा सप्ताह भर से अधिक जीवन और मृत्यु के बीच जूझते हुए समाजवाद के इस सच्चे पहरेदार ने आखिरी सांस ली और भारत की राजनीति में कभी पूरी ना हो सकने वाली रिक्ति उत्पन्न करके शुन्य की यात्रा पर चल दिए.

बहरहाल नेताजी तो शून्य की गोद में चिरकाल तक के लिए सो गए हैं, लेकिन उनका पूरा जीवन, उनकी समाजवाद की विचारधारा और सर्वसमावेशी समाज के निर्माण के लिए उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा प्रदान करेंगी, वो हमारी यादों में हमेशा जीवित रहेंगे.

Related Articles

Back to top button
Poiščite gumb: preizkus IQ v 11 Uganka za tiste z ostrim vidom: v 8 sekundah poiščite Kje se skriva napaka Preprost IQ test: V Preizkusite svoje znanje Genialni ugankar razkriva Najdite ponosnega galeba: IQ