
रविवार को नई दिल्ली में चीनी दूतावास ने ताइवान के स्वतंत्रता बलों के लिए एक मंच प्रदान करने वाले कुछ भारतीय प्रिंट और प्रसारण चैनलों पर कड़ा विरोध व्यक्त किया। नई दिल्ली में चीनी दूतावास के अधिकारी वांग शियाओजियान ने अपने एक आधिकारिक ट्वीट के जरिये भारतीय प्रिंट और प्रसारण चैनलों को ताइवानी जनता को गलत संदेश भेजने से बचने का आग्रह किया।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग शियाओजियान ने जोर देकर कहा कि ताइवान चीन के क्षेत्र का एक ‘अभिन्न हिस्सा’ है, और ‘एक-चीन’ सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाला एक ‘व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त’ मानदंड है।
We express firm opposition to some Indian media that provided platform for "Taiwan independence" forces, urge them to adhere to One-China principle, and avoid sending wrong messages to the public.
— Wang Xiaojian (@ChinaSpox_India) November 28, 2021
दरअसल, साल1949 में गृह युद्ध की समाप्ति के बाद ताइवान चीन से अलग हो गया और तब से वह स्वतंत्र है। हालांकि, चीन ने समय के साथ दावा किया कि ताइवान राजधानी ताइपे एक अलग प्रांत है और इसे चीनी क्षेत्र के साथ फिर से जोड़ना केवल समय की बात है। इसके अतिरिक्त, चीन ने ताइवान से जुड़े अन्य देशों को भी चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए बार-बार चेतावनी दी है।
ताइवान ने अपने वायु रक्षा क्षेत्र Air Defence Indigenous Zone (ADIZ) में कई बार चीनी घुसपैठ का सबूतों के साथ दावा किया। जिसके बाद हाल के महीनों में ताइवान जलडमरूमध्य पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। 1 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक रिकॉर्ड के तौर पर 38 चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के ADIZ को सीमा में उड़ान भरते हुए ताइवान के सैन्य नियमों को तोड़ दिया था।