
New Delhi: भारत सरकार ने ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त करने का ऐलान किया है। वह राजीव कुमार की जगह लेंगे, जो आज, 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इस बात की जानकारी कानून मंत्रालय ने दी है।
ज्ञानेश कुमार कौन हैं?
ज्ञानेश कुमार, केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें पिछले साल मार्च में चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। अब वह मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उनकी जिम्मेदारी इस साल के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले बंगाल, असम और तमिलनाडु के चुनावों की देखरेख करना होगी।
Gyanesh Kumar, Election Commissioner, is the new Chief Election Commissioner of India, with effect from 19th February 2025. pic.twitter.com/QGTsz2dPRQ
— ANI (@ANI) February 17, 2025
ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयोग के तीन सदस्यीय पैनल में सिनियर आयुक्त हैं, जिनमें एक और आयुक्त सुखबीर सिंह संधू हैं, जो उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं। पैनल का नेतृत्व पहले राजीव कुमार के पास था, जो अब 18 फरवरी को रिटायर हो गए हैं।
डॉ. विवेक जोशी को नए चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति
इसके साथ ही, डॉ. विवेक जोशी, जो 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, को नए चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। डॉ. विवेक जोशी का कार्यभार ज्ञानेश कुमार के साथ ही शुरू होगा।
राजीव कुमार का कार्यकाल
राजीव कुमार ने 2022 में मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उनके नेतृत्व में 2024 का लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक कराया गया। इसके अलावा, कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी कराए गए, जैसे जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड, और दिल्ली विधानसभा चुनाव।
पीएम ऑफिस में मीटिंग
नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बैठक हुई थी। पीएम मोदी की अगुवाई में यह बैठक तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा की गई थी। बैठक में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। कांग्रेस ने इस चयन प्रक्रिया पर सुझाव दिया था कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तक बैठक को स्थगित कर दिया जाए।
चुनाव आयोग को और मिलेगी मजबूती
ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति से चुनाव आयोग में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। उनकी अगुवाई में आने वाले चुनावों का संचालन कैसे होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। डॉ. विवेक जोशी के चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने से चुनाव आयोग को और मजबूती मिलेगी।