New Delhi: किसानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, मिलिंग खोपरा की MSP में वृद्धि को कैबिनेट से मिली मंजूरी

सरकार ने NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) और NCCF (नेशनल कंज्यूमर को-ऑपरेटिव फेडरेशन) को केंद्रीय नोडल एजेंसी..

New Delhi: मोदी सरकार ने नारियल के किसानों के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मिलिंग खोपरा (Copra) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में महत्वपूर्ण वृद्धि को मंजूरी दे दी है। अब मिलिंग खोपरा का MSP बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि बॉल खोपरा का MSP 12,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस फैसले से किसानों को बेहतर पारिश्रमिक मिलेगा और वे खोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि देश में कर्नाटक सबसे बड़ा खोपरा उत्पादक राज्य है, जिसकी कुल उत्पादन में 32.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके बाद तमिलनाडु (25.7%), केरल (25.4%) और आंध्र प्रदेश (7.7%) का स्थान है।

क्या था और क्या है नया MSP?

पहले मिलिंग खोपरा का MSP 11,160 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ाकर 11,582 रुपये कर दिया गया है, यानी 422 रुपये की वृद्धि हुई है। वहीं, बॉल खोपरा के MSP में 100 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 12,100 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

कहां और कैसे होगा खोपरा का खरीद?

सरकार ने NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) और NCCF (नेशनल कंज्यूमर को-ऑपरेटिव फेडरेशन) को केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। इसके साथ ही, राज्य सरकारों के निगमों के सहयोग से खोपरा की खरीद की जाएगी।

मूल्य वृद्धि से क्या होगा लाभ?

इस MSP वृद्धि का उद्देश्य न केवल किसानों को बेहतर मूल्य देना है, बल्कि यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा।

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