
नई दिल्ली ने वॉशिंगटन के लिए स्मार्टफोन सप्लायर के तौर पर बीजिंग को पीछे छोड़ दिया है। यह बदलाव कोविड-19 महामारी के बाद Apple के भारत में ऑपरेशन शिफ्ट करने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के चलते संभव हुआ है।
भारत से अमेरिका स्मार्टफोन शिपमेंट में 240% की वृद्धि
रिसर्च फर्म कैनालिस के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही में भारत से अमेरिका स्मार्टफोन शिपमेंट में 240 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। अब भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले स्मार्टफोन कुल की लगभग 44 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि चीन का हिस्सा घटकर 25 प्रतिशत रह गया है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा सिर्फ 13 प्रतिशत था।
Apple का भारत में सप्लाई चेन शिफ्ट, तमिलनाडु में उत्पादन केंद्र
कैनालिस के विश्लेषक सान्यम चौरसिया के मुताबिक, Apple के भारत में तेजी से सप्लाई चेन शिफ्ट करने के कारण भारत पहली बार अमेरिका में बेचे जाने वाले स्मार्टफोन का सबसे बड़ा उत्पादन केंद्र बन गया। तमिलनाडु Apple के प्रमुख सप्लायर्स जैसे Foxconn, Pegatron, और Tata Electronics का घर है, जहां iPhone 15 और iPhone 16 जैसे बेस मॉडल बनाए जाते हैं। हालांकि, iPhone Pro मॉडल के लिए Apple अभी भी चीन पर निर्भर है।
Samsung और Motorola का भारत से अमेरिका निर्यात बढ़ा
Samsung और Motorola ने भी भारत से हैंडसेट निर्यात बढ़ाया है, हालांकि वे Apple के मुकाबले छोटे पैमाने पर काम कर रहे हैं। वहीं, वियतनाम ने अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत तक बढ़ा ली है।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण ₹12 लाख करोड़ के स्तर पर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विकास की पुष्टि करते हुए बताया कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग अब ₹12 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है। पिछले 11 वर्षों में यह छह गुना बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक निर्यात ₹3 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जिससे भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है।
मोबाइल निर्माण इकाइयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि
2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं, जो आज 300 से अधिक हो गई हैं। दस साल पहले भारत में बिकने वाले मोबाइल फोन का सिर्फ 26 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय था, जबकि अब यह आंकड़ा 99.2 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
मोबाइल फोन निर्माण उद्योग का वॉल्यूम बढ़ा
2014 में मोबाइल फोन निर्माण उद्योग का मूल्य ₹18,900 करोड़ था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर ₹4,22,000 करोड़ हो गया है।
PLI योजना ने निवेश और रोजगार सृजन में योगदान दिया
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि मोबाइल फोन निर्माण के लिए उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने ₹12,390 करोड़ का निवेश आकर्षित किया है। योजना से अब तक ₹8,44,752 करोड़ का उत्पादन, ₹4,65,809 करोड़ का निर्यात हुआ है और 1,30,330 सीधे रोजगार उत्पन्न हुए हैं।
भारत की मोबाइल आयात निर्भरता में गिरावट
मोबाइल आयात की मांग 2014-15 के 75 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में मात्र 0.02 प्रतिशत रह गई है, जो भारत की मोबाइल निर्माण क्षमता में वृद्धि को दर्शाता है।









