
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को काबीना ने केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। ये परियोजनाएँ पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा को सुगम बनाने के लिए तैयार की जा रही हैं।
केदारनाथ रोपवे परियोजना
केदारनाथ रोपवे की लंबाई 12.9 किलोमीटर होगी और इसकी अनुमानित लागत लगभग 4,081 करोड़ रुपये है। यह रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक के रास्ते को जोड़ेगा। इस परियोजना का विकास डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मोड में किया जाएगा और यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत कार्यान्वित किया जाएगा। इस प्रणाली में अत्याधुनिक Tri-cable Detachable Gondola (3S) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जो प्रति घंटा 1,800 यात्रियों की क्षमता के साथ 18,000 तीर्थयात्रियों को रोज़ाना एक दिशा में यात्रा करने का अवसर प्रदान करेगा।
— PIB India (@PIB_India) March 5, 2025
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इस परियोजना से सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में, यह यात्रा 16 किलोमीटर लंबी कठिन चढ़ाई के रूप में होती है, जो पैदल यात्रा या घोड़े, पालकी या हेलीकॉप्टर के माध्यम से 8 से 9 घंटे में पूरी होती है। जब यह रोपवे चालू होगा, तो यह यात्रा समय घटकर केवल 36 मिनट रह जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों को तेज़, आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा का विकल्प मिलेगा।
हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना
काबीना ने हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दी, जिसकी लागत लगभग 2,730 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के तहत हेमकुंड साहिब यात्रा को और अधिक सुगम बनाया जाएगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इन परियोजनाओं से न केवल तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि निर्माण और संचालन चरणों के दौरान बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इसके अलावा, यह परियोजना पर्यटन उद्योगों जैसे अतिथि सेवा, यात्रा, खाद्य एवं पेय, और वर्षभर पर्यटन संबंधी सेवाओं को भी बढ़ावा देगी। यह परियोजना पहाड़ी क्षेत्रों में आखिरी मील कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।