New Delhi: टीटागढ़ रेल ने मेट्रो क्षेत्र में रचा इतिहास, बेंगलुरु की येलो लाइन पर चालक रहित ट्रेन की शुरुआत

ट्रेनसेट बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को शहर के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली 18 किलोमीटर लंबी येलो लाइन पर संचालित होगी। इस कदम से भारतीय...

New Delhi: टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को भारत की पहली चालक रहित ‘मेक-इन-इंडिया’ मेट्रो ट्रेनसेट सौंपी। यह ट्रेनसेट बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन पर चलेगी और भारतीय शहरी गतिशीलता के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगी।

स्वदेशी निर्माण में एक और बड़ी सफलता

टीटागढ़ रेल द्वारा निर्मित यह स्वचालित मेट्रो ट्रेन स्टेनलेस स्टील की बॉडी से बनी है, जो इसे अत्याधुनिक प्रदर्शन के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ट्रेनसेट बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को शहर के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली 18 किलोमीटर लंबी येलो लाइन पर संचालित होगी। इस कदम से भारतीय रेल उद्योग की आत्मनिर्भरता और ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल को और मजबूती मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने की सराहना

इस ऐतिहासिक मौके पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने वर्चुअल रूप से शामिल होकर टीटागढ़ रेल सिस्टम की सराहना की। उन्होंने कहा, “हम भारत की शहरी गतिशीलता यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मना रहे हैं। भारत अब मेट्रो रेल में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, और हमारा लक्ष्य अगले पांच सालों में संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकलना है।”

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान

टीटागढ़ रेल सिस्टम के प्रबंध निदेशक, उमेश चौधरी ने इस पहल को भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “यह ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित है और यह हमारी क्षमता को दर्शाती है। इस पहल से न केवल भारत के स्वदेशीकरण में प्रगति होगी, बल्कि भारत वैश्विक रेल निर्माण केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।”

उन्नत स्वचालन तकनीक और चालक रहित मोड

टीटागढ़ रेल ने इस ट्रेन में उन्नत स्वचालन तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिससे यह ट्रेन चालक रहित मोड में भी चल सकती है। यह भारत में अपनी तरह की पहली स्टेनलेस स्टील ट्रेन है, जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनी है।

वैश्विक मंच पर एक नई पहचान

इस परियोजना से भारत की मेट्रो यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मेट्रो के संचालन के क्षेत्र में भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, और अब भारत मेट्रो रेल के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है। यह मील का पत्थर भारत के ‘मेक-इन-इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।

स्वदेशी निर्माण की दिशा में एक बड़ी सफलता

टीटागढ़ रेल द्वारा बेंगलुरु मेट्रो को दी गई यह चालक रहित ‘मेक-इन-इंडिया’ ट्रेनसेट भारतीय रेल क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल भारतीय स्वदेशी निर्माण की दिशा में एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भारत की शहरी गतिशीलता यात्रा में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा।

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