केंद्र सरकार ने 23 राज्यों में 3,295 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनका उद्देश्य देश के कम-प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को विकसित करना और उन्हें वैश्विक पहचान दिलाना है। इस कदम से पर्यटन का संतुलित वितरण सुनिश्चित किया जाएगा और भीड़भाड़ वाले स्थलों पर दबाव कम होगा।
SASCI योजना के तहत मंजूरी
पर्यटन मंत्रालय ने स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स/यूटीज़ फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (SASCI) योजना के तहत इन परियोजनाओं को चुना। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसे स्थलों की पहचान कर प्रस्ताव भेजने को कहा, जो प्रभावशाली पर्यटन केंद्र बन सकते हैं।
15 अक्टूबर 2024 तक, मंत्रालय को 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत के कुल 87 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 40 परियोजनाओं को निर्धारित प्रक्रिया और मानदंडों के आधार पर चुना गया।
चयनित पर्यटन स्थल
मंजूरी प्राप्त परियोजनाओं में असम का रंग घर (शिवसागर), बिहार का मत्स्यगंधा झील (सहरसा), गोवा का प्रस्तावित टाउन स्क्वायर (पोर्वोरिम), और मध्य प्रदेश का ओरछा शामिल हैं। ये स्थल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने में सहायक होंगे।
50 वर्षों के लिए ब्याज-मुक्त ऋण
योजना के तहत राज्यों को 50 वर्षों के लिए दीर्घकालिक ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल इन स्थलों का विकास करना है, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करना भी है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर प्रभाव
परियोजनाओं से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही, ये परियोजनाएं स्थायी पर्यटन के लिए एक नया मानक स्थापित करेंगी।
समाप्ति की समयसीमा
परियोजनाओं को दो वर्षों में पूरा करना अनिवार्य है। मंत्रालय ने मार्च 2026 तक सभी धनराशि जारी करने की योजना बनाई है।
पर्यटन के अनुभव में सुधार
पर्यटन मंत्रालय का यह प्रयास पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ देश के कम-ज्ञात स्थलों को प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल भारत के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देने और कम-ज्ञात स्थानों को वैश्विक मानचित्र पर लाने के लिए केंद्रित है। इससे न केवल स्थानीय समुदाय सशक्त होंगे, बल्कि पर्यटन का स्थायी और समावेशी विकास भी सुनिश्चित होगा।