
आज लोकसभा में सरकार द्वारा नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा। यह बिल देश के कर ढांचे में सुधार और करदाताओं को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बिल में व्यक्तिगत करदाताओं, व्यवसायों, स्टार्टअप्स, डिजिटल लेनदेन और राजनीतिक दलों के लिए कई नए प्रावधान और संशोधन प्रस्तावित हैं।
मुख्य प्रावधान और बदलाव:
- “Tax Year” की नई परिभाषा
नए बिल में “Tax Year” को नए तरीके से परिभाषित किया गया है। इस बदलाव के तहत करदाताओं को वित्तीय वर्ष की बजाय कर वर्ष के अनुसार कर अनुपालन करना होगा। यह कर प्रबंधन को आसान बनाने के उद्देश्य से किया गया है। - इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
- व्यक्तिगत और व्यवसायों के लिए इनकम टैक्स स्लैब में संशोधन प्रस्तावित है।
- नए स्लैब के अनुसार, मध्यमवर्गीय करदाताओं को कर में छूट और राहत मिलने की संभावना है।
- स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और गृह ऋण पर नई कटौती
- स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर कटौती के नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
- गृह ऋण पर ब्याज दर में कटौती के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे घर खरीदने वाले लोगों को लाभ मिलेगा।
- स्टार्टअप्स और SEZs को विशेष लाभ
- स्टार्टअप्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) में निवेश करने वाली कंपनियों को विशेष कर छूट और लाभ मिलेगा।
- यह प्रावधान देश में उद्यमशीलता और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है।
- पेशेवरों और फ्रीलांसर्स के लिए नई कर योजना
- पेशेवरों और फ्रीलांसरों के लिए एक नई पूर्वानुमानित कर योजना पेश की गई है।
- इस योजना से छोटे व्यवसायियों और स्वतंत्र पेशेवरों को अपनी कर देयता को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ में संशोधन
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ में बदलाव किया गया है।
- यह निवेशकों के कर प्रबंधन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
- डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर नए नियम
- डिजिटल संपत्तियों और क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर नए कर नियम प्रस्तावित किए गए हैं।
- इन संपत्तियों पर कराधान को सख्त और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष नियम लागू किए जाएंगे।
- राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्टों के लिए कर छूट
- राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्टों के लिए कर छूट संबंधी नए प्रावधान भी शामिल हैं।
- इससे चुनावी वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
उम्मीदें और प्रतिक्रियाएं
इस बिल के माध्यम से सरकार की कोशिश है कि करदाताओं को राहत दी जाए और कर अनुपालन को सरल बनाया जाए। मध्यम वर्ग, निवेशक, व्यवसायी और स्टार्टअप्स को इससे काफी लाभ मिलने की संभावना है। हालाँकि, विपक्षी दलों और अर्थशास्त्रियों की ओर से भी इस बिल को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ सामने आ सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा में इस बिल को लेकर कितनी बहस होती है और इसमें किन प्रावधानों को अंतिम रूप दिया जाता है।