सहकारी संघवाद की मिसाल बना भारत, नीति आयोग बना परिवर्तन का आधार

NITI Aayog ने बीते एक दशक में भारत में सहकारी और वित्तीय संघवाद को मजबूत किया है। केंद्र और राज्य मिलकर अब नीतियों का निर्माण और क्रियान्वयन कर रहे हैं।

बीते 11 वर्षों में भारत ने सहकारी, प्रतिस्पर्धी और वित्तीय संघवाद की मिसाल कायम की है। केंद्र और राज्य सरकारें अब सिर्फ सत्ता की साझेदार नहीं, बल्कि विकास की सहयात्री बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “टीम इंडिया” की सोच ने इस बदलाव को नेतृत्व प्रदान किया।

नीति आयोग का गठन: परिवर्तन की शुरुआत

2015 में योजना आयोग की जगह नीति आयोग (NITI Aayog) का गठन किया गया। यह सिर्फ संस्थागत बदलाव नहीं था, बल्कि एक वैचारिक क्रांति थी। पहले नीति निर्धारण का स्वरूप केंद्र से राज्यों की ओर एकतरफा था, लेकिन नीति आयोग ने इसे साझेदारियों के मॉडल में बदल दिया।

अब राज्यों को अपनी नीतियाँ स्वयं तय करने की स्वतंत्रता मिल रही है। नीति आयोग एक सेतु की भूमिका निभा रहा है, जहां ज्ञान, अनुभव और ज़मीनी ज़रूरतों का मिलन हो रहा है।

संस्थागत संवाद के नए मंच

  • गवर्निंग काउंसिल मीटिंग: इसमें प्रधानमंत्री और सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है।
  • मुख्य सचिव सम्मेलन: सभी राज्यों के मुख्य सचिव नीति आयोग के मंच पर आकर चुनौतियों और समाधानों पर विचार-विमर्श करते हैं।
  • इंडेक्स आधारित प्रतिस्पर्धा: नीति आयोग के इंडेक्स जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सतत विकास लक्ष्य, आदि ने राज्यों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया।

अस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट और ब्लॉक कार्यक्रम

यह योजना भारत के सबसे पिछड़े जिलों और ब्लॉकों में विकास की किरण लेकर आई। 350 से ज्यादा जिलों और 500 से ज्यादा ब्लॉकों को मुख्यधारा में लाने का यह प्रयास राज्य औसत के बराबर प्रदर्शन तक पहुंचा चुका है।

वित्तीय संघवाद: राज्यों को मिला ज्यादा हिस्सा

  • 14वें वित्त आयोग की सिफारिश पर राज्यों का कर में हिस्सा 32% से बढ़ाकर 42% किया गया।
  • 2014-15 में ₹3.37 लाख करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹12.23 लाख करोड़ का ट्रांसफर हुआ।
  • सिर्फ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को भारी लाभ हुआ।
  • ग्रॉस ट्रांसफर टू जीडीपी रेशियो 5.2% से बढ़कर 6.5% हो गया।

GST काउंसिल और साझा निर्णय

GST काउंसिल भारत में सहकारी संघवाद का सबसे अच्छा उदाहरण बन चुकी है।

  • GST का 71% राजस्व राज्यों को जाता है
  • केंद्र ने 14% की भरपाई के लिए 0.5%–1% जीडीपी की राजस्व हानि उठाई।
  • ₹6.52 लाख करोड़ की GST क्षतिपूर्ति राज्यों को दी गई।

केंद्र प्रायोजित योजनाओं से राज्यों को संबल

कई विषय जैसे जल, स्वास्थ्य और आवास संविधान की राज्य सूची में आते हैं, फिर भी केंद्र ने CSS के माध्यम से राज्यों को अभूतपूर्व सहयोग दिया

  • जल जीवन मिशन: 2019 से 2025 तक 570% बजट में वृद्धि, 15.44 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल।
  • आयुष्मान भारत योजना: बजट 292% बढ़ा, out-of-pocket खर्च 62.6% से घटकर 39.4% हुआ।
  • PM आवास योजना (ग्रामीण): 2020 से 2025 तक 181% बजट वृद्धि, 2.67 करोड़ घर बने।

संविधान और संघवाद

हालांकि संविधान में ‘फेडरलिज्म’ शब्द नहीं है, लेकिन डॉ. अंबेडकर ने इसे “स्थिति और समय के अनुसार एकात्मक व संघात्मक दोनों” बताया था। बीते एक दशक ने इस सिद्धांत को पूरी तरह आत्मसात किया है।

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