बाजरा के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने बाजरा उत्पादन को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए 2018 को बाजरा वर्ष के रूप में मनाया था। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, भारत सरकार ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित करने के लिए UNGA के प्रस्ताव का नेतृत्व किया। बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं जिनमें उत्कृष्ठता केंद्र की स्थापना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में पोषक अनाज का एकीकरण और कई राज्यों में बाजरा मिशन की स्थापना शामिल है।
भारत सरकार के इन प्रयासों के बावजूद भी उपभोक्ताओं के बीच उत्पादन, वितरण और अनुकूलन क्षमता के मामले में विभिन्न चुनौतियाँ बनी हुई हैं। इन चुनौतियों को निपटाने के लिए NITI Aayog ने संयुक्त राष्ट्र की संस्था United Nations World Food Program (WFP) के साथ एक सांझा करार किया है। दोनों निकाय इन चुनौतियों को व्यवस्थित और प्रभावी तरीके से पहचानने और उनका समाधान करने का इरादा रखते हैं लिहाजा दोनों ने बाजरा उत्पादन को बढाने और सम्बंधित चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ काम करने की ठानी है।
दरअसल, बाजरा उपभोक्ताओं के बीच उत्पादन, वितरण और अनुकूलन क्षमता के मामले में विभिन्न चुनौतियां बनी हुई हैं। ऐसे में वितरण प्रणाली के तहत अब यह जरुरी है कि खाद्य वितरण कार्यक्रमों का ध्यान ‘कैलोरी कट्टरवाद’ से हटाकर अधिक विविध खाद्य टोकरी प्रदान करने के तरफ हो, जिसमें मोटे अनाज और बाजरा भी शामिल रहे, ताकि बच्चों और गर्भवती महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार हो सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए NITI Aayog और WFP ने एक साथ काम करने का तरीका निकाला है।