जहरीली शराब के सेवन से बिहार में हाल ही में हुए मौतों पर प्रशासन सख्त है। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार स्वयं इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है। उन्होंनेआला अधिकारियों को जहरीली शराब सेवन से हुई मौतों के मामले की जांच के निर्देश पहले ही दे दिए थे। बिहार से खबर यह है कि देश में शराब का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार से बिहार से शराबबंदी हटाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे लेकर दो टूक जवाब दे दिया कि बिहार में शराबबंदी हटने वाली नहीं है।
दरअसल, शराब उत्पादक कंपनियों के एक संघ (Confederation of Indian Alcoholic Beverage Companies) ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि वो नियंत्रित और जिम्मेदार तरीके से अपने व्यापार को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन फिर भी सरकार ने इस परिसंघ की बात नहीं मानी। CIABC के महानिदेशक विनोद गिरी ने जारी किये गए अपने एक बयान में कहा थी बिहार में शराबबंदी से राज्य की अर्थव्यवस्था और बिहार की तरक्की प्रभावित हो रही है, लेकिन उन्होंने जो उम्मीद सरकार से लगाई थी उसपर उन्हें महज निराशा ही हाथ लगी।
गौरतलब हो कि बिहार में नितीश कुमार की सरकार ने अप्रैल 2016 में ही बिहार विधानसभा में शराबबंदी का कानून पारित करके तत्काल प्रभाव से शराब की बिक्री, सेवन और भंडारण पर रोक लगा दी थी। सरकार का यह कदम सराहनीय तो था लेकिन यह बहुत प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो सका। बिहार में अवैध शराब बनती रही जिसका परिणाम यह रहा कि जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत होती रही। हालांकि पिछले दिनों बिहार में हुई मौतों से प्रदेश सरकार सचेत हुई है और मामले की जांच चल रही है।