Noida : करोड़ों का लालच…प्लॉट की लिए तलाक.. करोड़पतियों का नया कारनामा

तलाक का नाम तो सुना ही होगा.. और ये क्यों होता हैं.. ये भी पता ही होगा..लेकिन अब जो आपको बताने जा रहे है.. ये शायद थोड़ा फिल्मी लगे, लेकिन नहीं ये वास्तवीकता हैं.. आज के वक्त में लोग...

Noida : तलाक का नाम तो सुना ही होगा.. और ये क्यों होता हैं.. ये भी पता ही होगा..लेकिन अब जो आपको बताने जा रहे है.. ये शायद थोड़ा फिल्मी लगे, लेकिन नहीं ये वास्तवीकता हैं.. आज के वक्त में लोग औद्योगिक भूखंड बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं..दरअसल यमुना प्राधिकरण एक परिवार को एक ही भूखंड आवंटित करता है. लेकिन कई ऐसे परिवार हैं जो दो-दो प्लाट आवंटित करा चुके हैं. अब प्लाट बचाने के लिए तलाक को आधार बनाया है. ऐसे मामलों की यमुना प्राधिकरण ने जांच करवाई है..

यमुना प्राधिकरण की जांच में बड़ा खुलासा

बता दें कि यमुना प्राधिकरण भूखंडों की योजना निकालता है, और लाटरी, नीलामी के जरिये आवंटन करता है. इसके नियमों के अनुसार एक परिवार को एक ही प्लाट दिया जाता है. लेकिन कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें एक परिवार को दो-दो प्लाट आवंटित किए जा चुके हैं. ऐसे एक दो नहीं बल्कि 47 सामने आए हैं, जिनमें एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों को यमुना प्राधिकरण में इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटित हुए हैं. जिसमें 32 भूखंडों का आवंटन 10 परिवारों के सदस्यों के बीच ही हुआ है. इन भूखंडों में पति, पत्नी, पिता व पुत्र के नाम पर आवंटन किए गए हैं. जितने भी प्लॉट आवंटित हुए हैं, वह सभी सेक्टर 29 में हैं. साथ ही चार प्लॉट सेक्टर 33 में हैं. 4000 से छोटे इन भूखंडों का आवंटन लॉटरी के जरिए हुआ था. इसका खुलासा यमुना प्राधिकरण की जांच में हुआ. खुलासा होने के बाद अब ऐसे आवंटन को निरस्त करने की तैयारी है.

प्लॉट की लिए लिया तलाक

वही अब तक की जांच में हैरान कर देने वाला मामला ये था कि लगभग आठ ऐसे मामले हैं, जिनमें प्लॉट बचाने के लिए पति-पत्नी ने तलाक का सहारा लिया.ऐसे में प्राधिकरण की जांच अभी भी जारी है. ऐसे में इस तरह के प्रकरण की संख्या और बढ़ भी सकती है.

एक परिवार को एक ही भूखंड

दरअसल यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भूखंडों की मांग काफी अधिक है.. यहां हर श्रेणी के भूखंड की मांग तेजी से बढ़ी हैं. नोएडा एयरपोर्ट आने के बाद निवेशक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की ओर लगातार आ रहे हैं. वही जिन लोगों ने आवंटन कर लिया है अब वह सरेंडर करने के मूड में नहीं है. इसका बड़ा कारण यह है कि इस क्षेत्र में भूखंडों की कीमत बढ़ गई है.. यमुना प्राधिकरण नियमों के अनुरूप आवंटन करता है. एक परिवार को एक ही भूखंड आवंटित करने का नियम है. नियमों के विपरीत आवंटन नहीं हो सकता है. अगर ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी..

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